Video | Dewas News- टोंकखुर्द में राशन की सेटिंग- आखिर कहां से सरपंच के घर तक आ गया गरीबों का राशन ?



देवास/ टोंकखुर्द । कोरोना काल में सरकार ने गरीबों तथा अप्रवासी लोगों के लिए राशन की व्यवस्था की थी। जिसे व्यवस्थित तरीके से गरीब तथा जरुरतमंदों तक शासकीय कर्मचारियों तथा अधिकारियों द्वारा पंहुचाना था। लेकिन इन्हीं शासन के जिम्मेदारों के कारण गरीबों को मिलने वाले राशन में अनियमितता सामने आ रही है। टोंकखुर्द में एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिसमें गरीबों को विभिन्न पंचायतों के द्वारा मिलने वाला राशन अमोना के सरपंच प्रतिनिधि के घर पर मिला है। हां सरपंख् प्रतिनिधि के घर से लगभग 35 क्विंटल अनाज जब्त किया गया। अनाज कुल 45 क्विंटल होना बताया गया है लेकिन 10 क्विंटल अनाज पूर्व में वितरित किया जा चुका है। इसके बाद बचा हुआ अनाज अमोना के सरपंच प्रतिनिधि के निज निवास से मिला। उक्त अनियमितता को उजागर करने में जनपद उपाध्यक्ष पवन चावड़ा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । जब यह राशन शुक्रवार को ग्राम अमोना के सरपंच प्रतिनिधि के निज निवास से विभिन्न लोगों को वितरित किया जा रहा था। उसी दौरान जनपद उपाध्यक्ष वहां पंहुचे और अनाज वितरण में हो रहे इस कारनामे को उजागर किया। इस संबंध में उपाध्यक्ष ने नौकरशाहों पर गंभीर आरोपा भी लगाये। 


मौके पर कई विभिन्न पंचायतों से आये हितग्राही भी मौजूद थे जिन्हें सचिवों द्वारा अनाज लेने के लिए दूरदराज के इलाकों से बुलाया गया था। हमने कुछ हितग्राहियों से बात भी की जो अमोना पंचायत से दूर दूर तक संबध्द नही रखते थे। 


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मौके पर से अन्य पंचायतों का गेहूं भी अमोना पंचायत के सचिप द्वारा वितरित किया जा रहा था। इससे स्पष्ट है कि अनाज में भारी भ्रष्टाचार की सुगबुगाहट थी। उक्त मामले को लेकर कुछ दिन पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष नरेन्द्र राजपूत ने जिला पंचायत की बैठक में मुद्दा भी उठाया था। हो सकता है कि मामला गर्माने से भ्रष्टाचार में सेंध लग गई हो। 
वहीं इस संबंध में सरपंच प्रतिनिधि का कहना है कि उन्होंने यह राशन जनपद पंचायत के सीईओ के मौखिक आदेश पर उनके निज निवास पर रखा था । 


इधर जनपद पंचायत के सीईओ का कहना है कि जनपद पंचायत का भवन जीर्णशीर्ण होने से तथा सुरक्षा कारणों से उक्त अनाज का भंडारण मध्य में स्थित पंचायत अमोना में रखाया गया। 


अब यहां प्रश्न आता है कि जब अमोना पंचायत में सहकारी समिति का पर्याप्त स्थान होने के बावजूद अनाज को सरपंच प्रतिनिधि के निज निवास पर क्यों रखा गया ? क्या गरीबों के लिए आए इस राशन को ठिकाने तो नही लगाया जा रहा था ? यदि ऐसे था तो पूर्व में आया अनाज पात्र लोगों के पास पंहुचा है या नही इसका भी उच्च अधिकरियों को पता लगाना चाहिये। हालांकि इस मामले में अनाज को जब्त कर जांच की जा रही है। जिसमें मामले की उच्च स्तरीय जांच एसडीएम तथा तहसीलदार के निर्देशों से हो रही है। देखना होगा कि भ्रष्टाचारियों और गरीबों के अधिकारों में जीत किसकी होती है। 



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