#Dewas | किसानों की बर्बादी पर सियासत की राजनीती ? विशेष रिपोर्ट !


Dewas / Khategaanv, Sattar Khan


खातेगांव क्षेत्र में सोयाबीन की फसल खराब हो गई सोयाबीन सूख गया है किसान दुख तकलीफ और परेशानी में रहे तो शिवराज कैसे चुप बैठ सकता है मैंने तय किया है कि किसानों के सब दुख दर्द दर्द करूंगा  कोरोना की मार ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था तोड़ दी है कोरोना पर बड़ी राशि खर्च हो रही है और  टैक्स का पैसा भी नहीं आया है, चाहे कुछ भी हो मुझे कर्ज लेना पड़े लेकिन मैं किसानों के लिए व्यवस्था कर दूंगा, फसल बीमा की तारीख भी 31अगस्त कर दी गई है साथ ही पात्रता पर्ची से  गरीबों कोमिलने वाले राशन की भी पर्याप्त व्यवस्था कर दी गई है  किसानों को बिजली के बड़े-बड़े बिल आए  पुरानी वसूली स्थगित कर दी है जनता का मुख्यमंत्री हूं जनता की आंखों में दुख दर्द नहीं देख सकता   किसान भाई चिंता ना करें राहत राशि और बीमा मिलाकर आपके पूर्ति कर दी जाएगी  उक्त बात खातेगांव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मंडी प्रांगण खातेगांव में किसानों को संबोधित करते हुए  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कही . 




प्रकृति की मार झेलता देश का अन्नदाता, कुदरत ने छीना किसान के मुह का निवाला। अचानक किसानों की फसलें हुई तबाह, बेबस किसान अपनी खराब फसलों के मुआवजे की मांग कर आस लगाए देख रहा है। इसी कड़ी में किसानो की खराब फसलों का जायजा लेने खेतो में पहुँचे प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान। जहां फसलों का जायजा लेकर किसानों से चर्चा की।


किसानों को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि कोरोना संकट के बीच मध्यप्रदेश में प्राकृतिक आपदा के चलते अब फसल प्रभावित हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को मुसीबत से निकालने के लिए सरकार रणनीति बनाएगी। देवास जिले में सोयाबीन की फसल को काफी नुकसान हो रहा है, पहले कम बारिश और अब अचानक फसल पीली पड़ गई और उनका विकास रुक गया है। खेतों में खड़ी फसल इल्ली और इससे संबंधित बीमारियों की चपेट में आ गयी है। सीएम ने कहा कि एक सप्ताह के अंदर बीमारी आयी और सोयाबीन की फसल को बर्बाद कर दिया। फसल को हुए नुकसान से किसान परेशान हैं।



सीएम ने कहा 'किसानों पर संकट आए और शिवराज घर पर बैठ जाए, ऐसा नहीं हो सकता है.' मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना ने अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ी है। इसके बावजूद उनकी सरकार किसानों की पूरी सहायता करेगी और उन्हें इस संकट से बाहर निकालेगी।  कृषि फसल बीमा योजना की तारीख भी बढ़ाकर 31 अगस्त कर दी गयी है. सरकार पुख्ता रणनीति बनाकर किसानों को हरसंभव मदद मुहैया कराएगी और उन्हें संकट से उबारेगी।



अतिथि शिक्षक संघ ने दिया अल्टीमेटम--


इस दौरान अतिथि शिक्षक संघ ने अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौपा,  जिसमे कहा गया कि आने वाले उपचुनाव से पहले अतिथि शिक्षकों की मांगों का निराकरण करे, अन्यथा हम चुनाव प्रचार में विरोध में खड़े होंगे जिसका परिणाम भुगतने को तैयार रहे।


 टोंक खुर्द में कांग्रेस के प्रतिनिधि मंडल ने फसल का निरिक्षण किया 


वहीं दूसरी ओर कांग्रेस का एक प्रतिनिधि दल भी टोंकखुर्द में किसानों की फसल का निरीक्षण करने क्षेत्र में पंहुचा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने ज़िले के टोंकखुर्द पहुंचकर अतिवृष्टि से प्रभावित सोयाबीन की फसलों का जायजा लिया। सोनकच्छ विधानसभा के विधायक सज्जनसिंह वर्मा ने शिवराज सरकार और कृषि मंत्री कमल पटेल को इस विषय पर घेरते हुए कहा कि कमलनाथ सरकार का पुराना बकाया किसानों का कर्जा भी सरकार माफ करें। पिछले दिन कृषि मंत्री खांतेगांव का दौरा करके गये थे उनकी रिपोर्ट सही नही थी तो आज शिवराजसिंह  मुआयना करनेआ गये। जब सरकार नही थी तो 40000 रुपये प्रति हेक्टेयर का मुआवजा देने वाले कमल पटेल अब किसानों को मुआवजा क्यों नही दे रहे है। अब किसानों के बिजली बिल माफ क्यों नही कर रहे हैं अब बीमा क्यों नही दे रहे हैं ?




बहरहाल किसानों के दर्द की दास्तां में राजनीति ने रंगमंच बना दिया है जिसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही किसानों के खेतों में निरीक्षण कर रहे हैं लेकिन किसानों की प्राकृतिक आपदा के बाद आर्थिक आपदा से कब निजात मिलेगी, यह कोई भी स्पष्ट नही कर रहा है हालांकि एक पैकेज की घोषणा मुख्यमंत्री ने जरुर की है।


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