योग के द्वारा हम परमात्मा–सर्वोच्च आत्मा से जुड़ते हैं




भारत सागर न्यूज/देवास। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय 'राजयोग अनुभूति केंद्र' मोती बंगला, देवास द्वारा मोती बंगला सेवा केंद्र पर" तनाव से मुक्ति" हेतु 5 दिवसीय निशुल्क शिविर का आयोजन चल जा रहा है। 17 अप्रैल,  गुरुवार को बिलासपुर से पधारी वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी जी "राजयोग के चमत्कार" पर बताते हुए कहा की परमात्मा मेरा पिता है, बस राजयोग द्वारा उससे बच्चे के रूप मे सम्बन्ध जोड़ना है। तब हमारे संस्कारों में परिवर्तन प्रारंभ होता है। 




हम अपने रियल सेल्फ यानि कि आत्मा से जुड़ते हैं उसे जानते हैं और उसके गुणों का अनुभव करते हैं। साथ ही, योग के द्वारा हम परमात्मा – सर्वोच्च आत्मा से जुड़ते हैं और उनके गुणों को अपने अंदर समाहित करते हैंlजितना अधिक हम योग का अभ्यास करेंगे, हम उतने ही अधिक सकारात्मक, पवित्र और शक्तिशाली बनेंगे। हमारे विचार, भावनाएं और दृष्टिकोण में बड़ा सकारात्मक परिवर्तन आएगा।आपने योग की विधि बताते हुए कहा कि राजा अर्थात बादशाह (राज्य करने वाला) और योग अर्थात कनेक्शन अथवा सम्बन्ध। राजयोग एक परमयोग है 




जिससे आत्मा केवल परमात्मा की याद द्वारा अपने स्वयं के इन्द्रियों (कर्मेन्द्रियों, मन, बुद्धि) का मास्टर अथवा राजा बन जाती है। राजयोग मेडिटेशन पर प्रभुत्व स्थापित करने के लिए दो परस्पर कदम हैंlराजयोग में हम पहले स्वयं को आत्मा समझकर परमात्मा को उनके गुणों सहित (शांति के सागर, परमपवित्र, प्रेम के सागर, आनंद के सागर और सर्वशक्तिवान ) याद करते हैं। इसके समानांतर हम अपने स्वयं के स्वभाव (जैसे शान्ति, प्रेम इत्यादि) से जुड़ने का गहरा अनुभव करते हैं।

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