प्रबल आस्था और सूझबूझ से हर संकट को दूर किया जा सकता है- कैलाश परमार
भारत सागर न्यूज/आष्टा/रायसिंह मालवीय। गुरु ने ज्ञान भी दिया और प्राण भी । यह कहना है जूनापीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरी जी महाराज के अनन्य भक्त ग्राम भीलखेड़ी निवासी कुमेरसिंह का । कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से जूझते कुमेरसिंह आज अपने पुत्र और मित्रों के साथ पूर्व नपाध्यक्ष कैलाश परमार के कार्यालय पर आये और स्वामी जी के परामर्श तथा अपनी प्रबल जिजीविषा और आस्था के बल पर गम्भीर बीमारी पर विजय प्राप्त करने के अनुभव साझा किए ।
प्रभु प्रेमी संघ से जुड़े कुमेर सिंह तथा उनके पुत्र हेमराज सिंह ने बताया कि उन्हें कैंसर हो गया था । शुरुआत में परिजन सहित हम सभी लोग चिंतित भी रहे। आधुनिक चिकित्सा उपाय के साथ ही तरह तरह के देशी उपाय भी शुभचिंतकों ने बताए। कुमेर सिंह ने बताया कि उनकी अपने गुरु के प्रति अटूट आस्था है और हमने उनके दर्शन करके आशीर्वाद और परामर्श लेने का विचार किया ।bस्वामी जी ने आत्मविश्वास और श्रद्धा बनाए रखने तथा आधुनिक सुविधा से युक्त केंसर हॉस्पिटल में ही विशेषज्ञ चिकित्सक से इलाज कराने की प्रेरणा दी और प्रभु कृपा से पूर्ण रूप से स्वस्थ भी हो गए । पूर्व नपाध्यक्ष तथा प्रभु प्रेमी संघ के संयोजक कैलाश परमार ने उनके हौसले और आस्था का अनुमोदन करते हुए स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। श्री परमार ने कुमेर सिंह और उनके पुत्र को स्वामी जी का चित्र भेंट किया । इस अवसर पर प्रभुप्रेमी संघ के सदस्य तथा स्वर्णकार समाज के मार्गदर्शक मनोज सोनी काका, शंकर बोड़ाना तथा वरिष्ठ समाजसेवी और मुनि सेवा समिति के पूर्वाध्यक्ष सुनील प्रगति आदि भी मौजूद थे ।
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