बिजली-पानी के बिना रह रहे नागदा के परिवारों ने जनसुनवाई में लगाई गुहार।

20 वर्षों से पट्टे और मूलभूत सुविधाओं की राह देख रहे नागदा के रहवासी!





भारत सागर न्यूज/देवास। वार्ड क्रमांक 45 स्थित सातखोरी नई आबादी, नागदा के सैकड़ों परिवार इन दिनों बुनियादी सुविधाओं के अभाव में जीवन यापन कर रहे हैं। वर्षा ऋतु के आगमन के साथ ही उनकी समस्याएं और अधिक विकराल हो गई हैं। बारिश के दौरान क्षेत्र के अधिकांश घर कच्चे झोपड़ीनुमा हैं, 





जिनमें पानी भरने से रहवासियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बिजली की सुविधा न होने से बच्चों की पढ़ाई पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है, वहीं रात के समय अंधेरे में सांप-बिच्छुओं का खतरा भी बना रहता है। रहवासियों ने मंगलवार को जनसुनवाई में पहुंचकर अपनी समस्याएं प्रशासन के समक्ष रखीं। अखिल भारतीय घुम्मकड़ जनजाति नाथ समाज के जिला अध्यक्ष भगवान सिंह नाथ ने जानकारी देते हुए बताया कि यहां निवासरत परिवार पिछले 20 से 30 वर्षों से नागदा में रह रहे हैं। 




प्रशासन द्वारा इन्हें पूर्व के निवास स्थान से विस्थापित कर वर्तमान स्थान पर बसाया गया था और उस समय जल्द ही पट्टा दिए जाने का आश्वासन भी दिया गया था। हालांकि अब तक न तो उन्हें पट्टे मिले हैं और न ही बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।




स्थानीय लोगों का कहना है कि पट्टे के अभाव में वे शासन की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने से वंचित हैं। कई बार आवेदन देने के बावजूद प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है, 


जिससे लोगों में नाराजगी और असंतोष व्याप्त है। उनका मानना है कि शासन-प्रशासन उनकी लगातार उपेक्षा कर रहा है।




जनसुनवाई के दौरान रहवासियों ने कलेक्टर से आग्रह किया कि उन्हें शीघ्र पट्टे प्रदान किए जाएं और एक सुव्यवस्थित कॉलोनी में स्थानांतरित कर सभी आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराई जाएं। उनका कहना है कि यदि प्रशासन उनकी समस्याओं का समाधान करता है, तो वे आजीवन आभारी रहेंगे। जनसुनवाई में बड़ी संख्या में सातखोरी नई आबादी के निवासी उपस्थित रहे।

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