नाम सत्य बाकी जग झूठ है, इसके सुमिरण से ही भव से पार उतरोंगे- सद्गुरु मंगल नाम साहेब
भारत सागर न्यूज/देवास। संत कबीर के वाणी, विचारों का अथाह सागर भरा हुआ है। वह सागर कोई पानी से भरा हुआ सागर नहीं है। संत कबीर ने वाणी-विचारों के माध्यम से सत्य के साथ मानव मात्र को वाणी के भेद को समझने का मार्ग प्रशस्त किया है। सत्य नाम की महिमा बताई है, कि नाम ही सत्य है। सत्य नाम का सुमिरण करते रहो। सुमिरण करते-करते सत्य को उपलब्ध हो जाओंगे। नाम ही सत्य बाकी जग झूठ है। इसके सुमिरण से ही इस सांसारिक भवसागर से पार उतरोंगे।
यह विचार सद्गुरु मंगल नाम साहेब ने सदगुरु कबीर सर्वहारा प्रार्थना स्थली चूना खदान बालगढ़ में आयोजित गुरु शिष्य चर्चा, गुरुवाणी पाठ के दौरान व्यक्त किए। आगे कहा, कि संत कबीर ने बोध कराया, कि कैसे 84 लाख योनियों में जीव बंटा हुआ है। अलग-अलग देह में जीव व्याप्त है, लेकिन फिर भी जीव एक है। सिर्फ देह अलग, क्योंकि जीव विराट रूप में है।
जो व्यापक असीम और अनंत है। जिसकी कोई सीमा नहीं। इस संसार रूपी सागर में जिसको तैरना आता है, वहीं पार हो सकता है। सत्य का सागर इतना बड़ा है कि इतने सारे शरीर धारण करते हुए भी सब अलग अलग है। आगे कहा, कि श्वास विश्व के समस्त जीव चराचर में अनंतकाल से वास कर रहा है।
आगे कहा, कि बुद्धिमान लोग शब्द को वाणी में ले आते हैं और मूर्ख लोग वाणी को भी शब्द समझ लेते हैं। इस दौरान साध संगत द्वारा नारियल भेंट कर महाआरती की गई। यह जानकारी सेवक वीरेंद्र चौहान ने दी।
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