महाकाल परिसर विवाद में हाईकोर्ट का हस्तक्षेप, तीन माह में कार्रवाई कर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश....




भारत सागर न्यूज/उज्जैन। महाकाल मंदिर परिसर स्थित 19 मंदिरों पर अवैध कब्जे को लेकर दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। अदालत ने सुनवाई के बाद उज्जैन कलेक्टर, जो महाकाल मंदिर समिति के अध्यक्ष भी हैं, को तीन माह के भीतर कार्रवाई कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।




याचिकाकर्ता सारिका गुरु पति जयराज चौबे ने बताया कि महाकाल मंदिर परिसर में कई छोटे-छोटे मंदिर स्थित हैं, जिनमें पूजा-पाठ कराने वाले पुजारियों की नियुक्ति महाकाल मंदिर समिति एक्ट के तहत होनी चाहिए। 




लेकिन वर्ष 1982 के बाद से अब तक किसी भी पुजारी की नियुक्ति नियमानुसार नहीं हुई। याचिका में यह भी आरोप लगाया गया कि 19 छोटे मंदिरों पर एक ही व्यक्ति का कब्जा है और उसके द्वारा ही अवैध रूप से अन्य लोगों से पूजा-पाठ कराया जा रहा है, जो मंदिर समिति एक्ट का उल्लंघन है।




याचिकाकर्ता ने 20 जनवरी 2024, 5 फरवरी 2025 और 15 मार्च 2025 को कलेक्टर, मंदिर प्रशासक और संभागायुक्त को लिखित शिकायतें दी थीं। लेकिन जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो 19 मई 2025 को हाईकोर्ट इंदौर में याचिका दायर की।




इस पर सुनवाई करते हुए 1 सितंबर 2025 को हाईकोर्ट ने आदेश जारी करते हुए कलेक्टर को तीन माह के भीतर शिकायत पर कार्रवाई कर न्यायालय और याचिकाकर्ता दोनों को अवगत कराने के निर्देश दिए हैं।

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