देवास पुलिस अधीक्षक को आखिर खुद क्यों उतरना पड़ा सड़क पर ? उच्च गुणवत्ता के सीसीटीवी कैमरे शहर की निगरानी की आवश्यकता !



देवास पुलिस अधीक्षक डॉ. शिवदयालसिंह ने पदभार लेते ही कोविड-19 के दौरान सड़क पर आकर सभी को मास्क लगाने की समझाइश दी थी

भारत सागर, देवास/ पं. अजय शर्मा। देवास पुलिस अधीक्षक डॉ. शिवदयालसिंह ने पदभार लेते ही कोविड-19 के दौरान सड़क पर आकर सभी को मास्क लगाने की समझाइश दी थी और समय-समय पर जनता के बीच आकर सुरक्षा का आभास भी कराया । एसपी सिंह ने अधिनस्थों को बार-बार जनता से अच्छा व्यवहार करने और अपराधियों पर प्रहार करने के पुलिस को निर्देश भी दिये। कोई व्यवसायी दलाल अगर आरोपों के पत्थर फेंकता है तो समझा जा सकता है कि एस पी ने उन्हें किसी अनुचित कार्य मे सहयोग न कर टरका दिया है । शहर और जिले में लगातार अपराधों का आंकड़ा बढ़ने से आम जनता का विरोध भी दिखायी और सुनायी देने पर पुलिस अधीक्षक डॉ .शिवदयालसिंह को अपनी सक्रियता का प्रमाण देने खुद सड़क पर उतर कर अपराधियों को चेतावनी देनी पड़ी। जिसमें कुछ असामाजिक तत्वों के जूलूस निकालने की कार्यवाही के साथ अवैध धंधों पर लगाम लगाना ताजा उदाहरण तो हैं ही वहीं जुआरियों और सटोरियों को जिलाबदर करने की कार्यवाही भी देवास के इतिहास में सराहनीय है। लेकिन खादी के ही कुछ चाटूकार और चमचे जनता  के सक्रिय, समर्पित, दबंग पुलिस अधीक्षक डॉक्टर शिवदयालसिंह को विभागीय विरोधियों के माध्यम से असफल करने का प्रयास कर रहे हैं ।


          देवास मे मासूम बच्चियों के साथ लगातार अश्लील हरकतें और अपराध बढ़ने से परिजनों मे दहशत और आक्रोश पनप रहा है और परिजन बच्चों को घर पर अकेला छोड़ने से डर रहे हैं यह भी सच है लेकिन इसके लिये मिस्टर चाटूकार व दलालों  द्वारा पुलिस पर निशाना साधना चर्चा का विषय बन गया है । पुलिस विभाग मे पुलिस अधीक्षक की कर्तव्य निष्ठा को पसंद नहीं करने वाले राजनीति के मैनेजर व दलालों के  चाटुकार  व अवैध  कारोबार में  अप्रत्यक्ष सहयोगी भी मौजूद हैं जो किसी भी तरह उन्हें असफल साबित करना चाहते हैं ।
लगातार बच्चियों के साथ अश्लील हरकतें होना, चेन झपटने की घटनाएं, चोरी, असामाजिक तत्वों का जमावड़ा, जुआ-सट्टा, चाकूबाजी, कंजर कटिंग की सेटिंग से अवैध दवाईयां आदि कई अपराध चिंता का विषय है । पहले सिविल लाइन थाना के तहत शहर की पाश कॉलोनी गंगा निकेतन  में चार  साल की मासूम बालिका के साथ घर के पड़ोस में रहने वाले राजेश पिता रामलाल बौरासी 42 वर्ष ने दुष्कर्म  किया।  इस मामले में सिविल लाइन थाना पुलिस ने आरोपी राजेश पिता रामलाल बोरासी के खिलाफ धारा 376, 363 और पाक्सो एक्ट में प्रकरण दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया और न्यायालय में पेश किया। जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
 
दूसरी घटना भी सिविल लाइन थाना के मिश्रीलाल नगर में ही हुई । यहां रहने वाली बच्ची की मां घर से बाहर गई थी तभी मोहसीन पिता एहसान शेख 20 वर्ष निवासी इस्लामपुरा घर में घुस गया। 5 साल की बच्ची घर पर अकेली थी । मोहसिन बच्ची के साथ चाकू की नोक पर अश्लील हरकतें कर रहा था। इसी दौरान पास में रहने वाली बच्ची ने देख लिया और उसने मोबाइल में वीडियो बना लिया। यह देखकर मोहसिन घबरा गया और मोबाइल से वीडियो डिलीट कर के भाग गया। सिविल लाइन थाना पुलिस ने मोहसीन  पर धारा 451, 354, 354 ए और पाक्सो एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

        इसी कडी में महात्मा गांधी मार्ग पर गजक के दुकानदार युवक द्वारा प्रेम प्रसंग मे क्रोधित होकर साड़ी सेन्टर पर काम करने वाली एक युवती पर गोली चलाने के बाद धार जाकर आत्महत्या कर ली । उसके बाद चेन झपटने की एक और घटना होने से पुलिस अधीक्षक विरोधियों को अवसर मिल गया और वह पुलिस को ही अपराधों के लिये अपने माध्यम से जिम्मेदार प्रचारित करने लगे । चाटूकारिता करवाने और  करने वालों को पसंद नहीं आ रही है और वह किसी भी अपराध के लिये पुलिस अधीक्षक पर निशाना साधने में कोई कसर नही छोड़ रहे हैं । चाटुकारों व दलालों द्वारा भी पुलिस को विचलित करने का काम भी बखूबी किया जा रहा है। जो पुलिस की साख और अनुशासन को बरकरार रखने के लिए पुलिस कप्तान को एक बार फिर मैदान में उतरना पड़ा। 



देवास में अपराधियों और अवैध कारोबारियों को सुरक्षा संवरक्षण कौन और क्यों देते हैं ? यह सबको पता है!
      पुलिस अधीक्षक और पुलिस पर शहर की आपराधिक घटनाओं को लेकर लिखने का प्रयास करने वाले राजनेताओं के प्रमुख दलाल जो अवैध कारोबारियों की  विभागीय भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से कटघरे में खड़ा करने वाले चाटुकार यह भूल जाते हैं कि  पुलिस के कुछ कथित चुनिंदा भ्रष्टों को छोड़कर पुलिस अधीक्षक से लेकर पूरे विभाग के पास  कोई अलाउद्दीन का चिराग नहीं जो पलक झपकते ही पूरे शहर व जिले की  जानकारी भी ले  और घटना के पूर्व कार्रवाई भी कर ले हालांकि देवास की जनता भली-भांति जानती है कि  मोबाइल चोरी के मामले में क्या हुआ ? क्यों हुआ ?  कैसे हुआ ? किसको बचाया ? किसके कहने पर आर्थिक या राजनीतिक दबाव  में इंदौर बचाया या देवास को फसाया ! यह मीडिया के साथ जनता भी जानती है कि पुलिस का रोल क्यों और किस दबाव में निष्पक्ष या पक्षपात रहा ? ठीक इसी प्रकार बंगाल की पुलिस कंजर कटिंग की करोड़ों  की दवाइयों का खरीददार  नेशनल मेडिकल वाले प्रमुख दवा के दलाल को बचाने व नेशनल मेडिकल के साथ और कौन से राजनैतिक व पुलिस प्रशासनिक दलालों की प्रमुख भूमिका है ? किन्हें बचाने के चक्कर में बंगाल की पुलिस को देवास पुलिस विभागीय अधिकारी चकमा देते आ रहे हैं।  

        पुलिस अधीक्षक डॉक्टर शिवदयालसिंह के अब तक के अल्प कार्यकाल मे अनेक चोरी,लूट,डकेती और हत्याओं का खुलासा हुआ है वहीं अवैध पर अंकुश लगाया जाकर अपराधियों मे खौफ भी देखा गया । नवरात्रि से लेकर उपचुनाव और अन्य त्यौहारों मे भी पुलिस अधीक्षक का बेहतरीन  प्रबंधन नजर आया ।
एसपी शिवदयाल सिंह को राजनेताओं के संरक्षण में पल रहे मैनेजरों व चाटूकार दलालों के साथ अप्रत्यक्ष रूप से सहयोगी विभाग के वर्षों से जमे भ्रष्ट पुलिस अधिकारी व कर्मचारियों की पहचान कर सर्जरी ना करी तो निष्ठावान एसपी के दबंगता को किसी ना किसी राजनेता के डोढ़ी पर हुजूरी करने और न करने की स्थिति में नाकाम घोषित कर अन्यत्र स्थान पर स्थानांतरित भी संभव है जो देवास में पूर्व में आए कई पुलिस अधीक्षक इसके प्रमाण है ! 

उच्च गुणवत्ता सीसीटीवी कैमरे से शहर की निगरानी की आवश्यकता !

देवास शहर व जिले में आये दिन हो रहे अपराधों को नियंत्रण करने के लिए पुलिस अधीक्षक व प्रशासन को उच्च गुणवत्ता वाले सीसीटीवी कैमरे लगवाने होंगे। वहीं बंद पड़े  कैमरों को दुरुस्त करवाने से भी कोई लाभ नही क्योंकि आज दिनांक तक सयाजी द्वार सहित पूर्व में लगे अन्य स्थानों पर सीसीटीवी कैमरों से कोई अपराध का खुलासा शायद नही हो पाया। इसके लिए कारण कैमरों में गुणवत्ता की कमी बताई जा रही है। शहर व जिले के राजनीतिक व प्रशासनिक  तथा बुद्धिजीवी व प्रबुध्दजनों के अनुसार शहर जिले के प्रत्येक मुख्य मार्ग के चौराहों, गली मोहल्लों और वार्डो में लगी स्ट्रीट लाईट चौराहों पर उच्च गुणवत्ता के कैमरें पुलिस व प्रशासन तथा नगर निगम को मिलकर लगाना होंगे। साथ ही शहर व जिले में प्रत्येक उद्योगों में, व्यापार व्यवसाय से संबंधित सभी संस्थानों में, मैरिज गार्डनों, शासकीय विभागों में, बैंकों में, होटलों और रेस्टोरेंटों में, साइबर कैफे में, मंदीरों, मस्ज़िदों, गुरुद्वारों, चर्चों, शासकीय तथा अशासकीय विद्यालयों व महाविद्यालयों, मदरसों सहित सभी स्थानों के प्रत्येक कमरों में उच्च गुणवत्ता के सीसीटीवी कैमरे उसी संस्थान के प्रबंधन को लगाने के लिए पुलिस, प्रशासन व नगर निगम को सख्ती से पालन करवाना होगा। 



पुलिस अधीक्षक यदि जिला प्रशासन व नगर निगम से मिलकर उक्त लिखित संस्थानों में उच्च गुणवत्ता के सीसीटीवी कैमरें लगवाने में सफल होते हैं तो देवास शहर व जिले की बढ़ती आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सकता है। साथ ही इन सभी संस्थानों के कैमरों का नियंत्रण और रिकॉर्डिंग प्रतिदिन एस पी कार्यालय में ही  रहे, तो काफी हद तक अपराध को निष्पक्ष व पारदर्शिता से निंयत्रित किया जा सकेगा।


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