Dewas - नियमों को ताक में रखकर वन विभाग में हुई पदस्थापना ने किया हैरान ?



भारत सागर डेस्क, देवास । देवास जिले के कन्नौद  वन अनुभाग में उप वन मण्डलाधिकारी के पद पर हुई पदस्थापना ने सभी को हैरान कर दिया है। सुत्रो से प्राप्त जानकारी के अनुसार कन्नौद SDO के पद पर शंकर लाल यादव की नियुक्ति हुई है, यादव विगत 10 वर्षों से देवास जिले में पदस्थ रहे हैं, वे यहाँ रेंजर भी थे, एवं बाद में पदोन्नत होकर SDO भी यही रहे। वर्ष 2019 में इनका स्थानांतरण बांधवगढ़ हुआ था जिस पर इन्हें भारमुक्त कर दिया गया था। स्थानांतरण के पश्चात् वे बीमार हो गये और 1 वर्ष 1 माह तक अनुपस्थित रहे। अभी एक सूची में SDO यादव का स्थानांतरण बांधवगढ़ से कन्नौद हुआ ।  8 दिसंबर को यादव ने पुनः स्थानांतरण कन्नौद करवाकर 9 दिसम्बर को अचानक उपस्थित होकर देवास में ज्वाइन किया, DFO  देवास ने उन्हें चार्ज के लिए लिख दिया और यादव ने तत्काल भार ग्रहण भी कर लिया। जबकि इन्हें बांधवगढ़ से रिलीव होकर आना था और मेडिकल फिटनेस भी देनी थी। परंतु DFO पी एन मिश्रा ने भी एक वर्ष की अनुपस्थिति के सन्दर्भ में कोई बात ना करते हुए बांधवगढ़ से रिलीविंग लैटर ना लेते हुए अपने पद का भी दुरूपयोग किया और अपने अधिनस्त SDO को भी गलत करने से नहीं रोका जबकि पोस्टिंग देखकर जिस गति से चार्ज दिलवाया, देखकर ऐसा लगता है कि उन्हें गलत करने के लिए प्रेरित ही किया है।




     अब सवाल उठता है कि जब यादव कन्नौद से रिलीव होने के बाद बांधवगढ़ पहुंचे ही नही तो पुनः देवास/कन्नौद ज्वाइन कैसे हुए और उनके 13 माह की तनख्वा कहाँ से निकलेगी, जबकि देवास से पद रिक्त नहीं था ? क्या DFO ने ज्वाइन करवाने से पहले इस पर ध्यान नहीं दिया ? या  कोई अनुचित लाभ के चलते अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं ? फिलहाल दृश्य यह है कि उक्त स्थान पर कैलाश वर्मा कोर्ट से स्टे लाकर पद पर आसीन है। 

"इधर इस मामले पर जिला वन अधिकारी, पीएन मिश्रा का कहना है कि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है। इसलिए मैं इस पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी नही कर सकता हूं।"

 

 


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