देवास में विगत कई दशक से निगम आयुक्तों के चहेते ? सेटिंग में माहिर ठेकेदारों की कारस्तानी !
देवास, (पंडित अजय शर्मा)-। वैसे तो निगम में भ्रष्ट अधिकारियों कर्मचारियों की कमी नहीं है। किंतु ठेकेदारों की भ्रष्ट कारगुजारीयों से कमीशन के लालच में जिम्मेदार अंजान बने रहते हैं हालांकि वार्डों में ठेकेदार द्वारा किए गए कार्यों की कमियां व अनियमितताओं एवं भ्रष्टाचार से जनता अनजान नहीं है ,परंतु अपनी ऊंची पहुंच और कमीशन के दम पर अधिकारियों व कर्मचारियों से सांठगांठ कर खुद के विरुद्ध जनता द्वारा की गई शिकायतों को जनप्रतिनिधियों के नाम की आड़ लेकर कार्यवाही की फाइलों को विभाग में ही दबाकर भुला देने में , और कार्यों का भुगतान करवाने तथा दूसरा कार्य का ठेका लेने में भी मास्टरमाइंड रहते हैं ये ठेकेदार! अदम्य समाचार पत्र ने पूर्व में भी कई बार निगम में हो रहे भ्रष्टाचार को उजागर किया है
विगत दिनों कलेक्टर चन्द्रमौली शुक्ला की अध्यक्षता में कलेक्टर कार्यालय सभा कक्ष में आपदा प्रबंधन की तैयारियों के संबंध में बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में अपर कलेक्टकर महेन्द्रसिंह कवचे, नगर निगम आयुक्त विशाल सिंह चौहान, एसडीएम प्रदीप सोनी, मध्यप्रदेश रूलर डेवलपमेंट अथोरिटी देवास के अधिकारी, स्टेशन मास्टर देवास, जनरल मेनेजर नेशनल हाईवे मांगलिया टोल एवं अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
गौरतलब है कि केन्द्र की अमृत योजना अन्तर्गत शहर में नाले-नालियो के निर्माण के लिये 12 करोड़ रूपये की राशि देवास नगर निगम को मिली थी। जिसके दो ठेकेदारो द्वारा टेण्डर भरे गये थे। इनमे एक ठेकेदार द्वारा 15 प्रतिशत कम दर पर काम करने एवं एक देवास के ठेकेदार मनीष अग्रवाल द्वारा 19.9 प्रतिशत कम दर पर कार्य करने का टेण्डर डाला था। निगम प्रशासन द्वारा 19 प्रतिशत कम दर के टेण्डर पर मनीष अग्रवाल को स्वीकृति दे दी गयी। ठेकेदार अग्रवाल द्वारा इन्दौर रोड पर सर्विस रोड के साथ ही नाला निर्माण भी किया किया गया। लेकिन कर्मचारी कालोनी, रेलवे कालोनी का नाला निर्माण, बीएनपी गेट नाले का निर्माण कार्य करने में ठेकेदार मनीष अग्रवाल ने हाथ खडे कर दिये और ऊंची पकड़ वाले ठेकेदार मनीष अग्रवाल के कहने पर निगम प्रशासन द्वारा नाला निर्माण का कार्य निरस्त कर दिया गया, चुंकि अग्रवाल को 19.09 प्रतिशत कम दर पर काम करना नुकसान का सौदा लग रहा था, इसलिये विकास प्राधिकरण से प्रतिनियुक्ति पर नगर निगम में आई भ्रष्ट चौकड़ी जो वर्तमान में निगम के भ्रष्टाचारियों में पावरफुल भ्रष्ट इंजीनियर हैं। इनकी जमी हुई दुकानदारी है। इन्हीं पावरफुल चौकड़ी से मिलकर ठेकेदार मनीष अग्रवाल ने टेण्डर निरस्त करवा दिया !
और शहर एवं जनहित में स्वीकृत होकर आयी अमृत योजना की 12 करोड़ की राशि लैप्स हो गयी, जिससे सीधा फायदा ठेकेदार मनीष अग्रवाल को पंहुचाया गया । और प्राधिकरण से प्रतिनियुक्ति पर निगम में आयी भ्रष्ट चौकड़ी ने जमकर कमीशन बटोरा। देवास नगर निगम परिसर से लेकर राजनैतिक क्षैत्रो एवं ठेकेदारी का कार्य करने वाले लोगो में यह चर्चा वर्षाे से यथावत है कि निगम प्रशासन में कोई भी अधिकारी पदाधिकारी आये या जाये, यंहा सेटिंग के मास्टरमाइंड ठेकेदार मनीष अग्रवाल एवं अनीस शेख का ही राजपाट चलता है। पीएफ विभाग, ईएसआईसीई, एवं इनकम टैक्स विभाग निष्पक्ष जांच करें तो ठेकेदार मनीष और अनीस की सारी इमानदारी खुलकर सामने आ जावेगी? प्राप्त जानकारी अनुसार मनीष अग्रवाल के भाई रजनीश अग्रवाल जोकि मध्य प्रदेश लोक निर्माण विभाग में ठेकेदार थे ,किंतु उनके कार्यों में भी अनियमितता ,गुणवत्ता हीन ,अमानक स्तर का कार्य को बार-बार होते देख जागरूक नागरिकों द्वारा शिकायतों के बाद ठेकेदार रजनीश के ठेके को उच्च स्तरीय जांच कर हमेशा के लिए ब्लैक लिस्टेड घोषित कर दिया गया था!
पूर्व निगमायुक्त देवेन्द्रसिंह के जमाने में पान की गुमटी चलाने वाला अनीस शेख तात्कालिक ठेकेदार के कंधे पर पैर रखकर दबाकर आरोप लगाते लगाते चापलूसी कर घर पहुंच सेवा के आड में निगम के ठेकेदार बन बैठे, और निगम ठेकेदारी के साथ कमीशनखोरी की चाट बांटते बांटते अनीस शेख दुबई के किसी सेठ से भी अधिक धनसम्पन्न हो गये। वर्तमान में अनीस के पास कई जेसीबी, डंपर ,पोकलैंड मशीनरी के साथ साथ पेवर ब्लॉक फैक्ट्री के अलावा अन्य संसाधनों सहित खासी चल अचल संपत्ति के स्वामी भी हैं! और तब से आज तक निगम में आए सभी आयुक्त व अधिकारीयों पदाधिकारियों सहित कर्मचारियों के भी विश्वसनीय एवं चहेते ठेकेदार हैं
ठेकेदार अनीश शेख की ठेकेदारी में स्टेशन रोड और उज्जैन रोड पर चल रहे फुटपाथ निर्माण का कार्य भी अपने मनमाफिक अपने बचत को देखते हुए अमानक स्तर से, बनाया गया है, इतना ही नहीं स्टेशन रोड पर तो पूर्व से ही सड़क के दोनों तरफ पेवर ब्लॉक लगे हुए थे, उन पेवर ब्लॉकों को भी निगम में पूरे जमा नहीं किए गए और ना ही पेवर ब्लॉक के दोनों तरफ बनाई जा रही दीवाल में सरिया भी मानक स्तर का नहीं लगाया गया, और दोनों तरफ के फुटपाथ कहीं रोड के बराबर तो कहीं रोड से 6 इंच ऊपर तो कहीं रोड से एक से डेढ़ फीट ऊपर बनाया गया ,वह भी बनते बनते ही पेवर ब्लॉक जगह जगह से अंदर धंसने लगे व टूटने लगे हैं। जिसकी खबर अदम्य समाचार पत्र ने प्रमुखता से छापी थी। और जिम्मेदार अधिकारियों को अवगत भी कराया था ,किंतु वर्तमान निगमायुक्त के भी अनीस चहते ठेकेदारों में शुमार है , क्योंकि निगमायुक्त विशाल सिंह चौहान के पूर्व में देवास पदस्थी के समय आयुक्त भवन का निर्माण सिविल लाइन में बिना किसी सक्षम स्वीकृति के ही लगभग 40 लाख के टेंडर पर बनाया गया था ,जबकि अवैधानिक प्रक्रिया से सिविल लाइन में बनाया गया आयुक्त भवन लगभग एक करोड़ की लागत से निर्मित हुआ था जिसका भुगतान आयुक्त द्वारा व मास्टरमाइंड ठेकेदार अनीश द्वारा अलग-अलग कार्यों की डिजाइन डाल कर अल्प निविदा एवं कोटेशन के नाम पर खासी भरपाई भी की गई जो सर्वविदित है।
अनीश और मनीष ये दोनो ठेकेदार चाहे जितने में टेण्डर भरकर कार्य ले, जब चाहे टेण्डर निरस्त करवाये, कार्य करे या नहीं करे, इनकी मर्जी पर निर्भर है। इसमे भले ही शहर या जनता को कितना ही बड़ा नुकसान या आपदा क्यों नहीं झेलना पडे। नाला निर्माण के कार्य में भी निगम के भ्रष्ट अधिकारियों, इंजीनियरो द्वारा मोटे कमीशन के चक्कर में शहर एवं जनहित को नजरअंदाज करते हुए ठेकेदार मनीष अग्रवाल को लाभ पंहुचाया गया। जिसका दुष्परिणाम पिछले दिनो तिलकनगर, कर्मचारी कालोनी क्षैत्र के रहवासियो के घरो में जलजमाव के रूप में सामने आया।
शहर की कई कालोनियो का पानी इसी नाले और पुलिया से होकर जाता है। नाला रोके जाने से जलजमाव की स्थिति निर्मित हो गयी । इसको लेकर निगम के पूर्व अध्यक्ष अंसार एहमद ने भी 31 मई को रेलवे के डीआरएम, कलेक्टर सहित जनप्रतिनिधियों को पत्र लिखते हुए हाईकोर्ट तक जाने की चेतावनी दी थी। जिसे संज्ञान में लेते हुए जनहित को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर शुक्ला ने रेलवे स्टेशन मास्टर से बारिश पूर्व नाले का कार्य पूर्ण करने को कहा है, साथ ही कलेक्टर ने रेलवे के डीआरएम से दुरभाष पर चर्चा भी की है। इसी के साथ कलेक्टर ने बैठक में जनरल मेनेजर नेशनल हाईवे मांगलिया टोल इन्दौर को निर्देश दिये कि बिलावली गांव के पास ऊची सर्विस रोड़ बनने से बरसात का पानी बिलावली गांव में जाने की संभावना है। पानी की निकासी के लिए बडा नाला/ड्रेनेज सिस्ट्म बनाया जाये, जिससे बिलावली गांव में पानी भरने की समस्या नहीं रहे। कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये है कि वे मौसम विभाग से प्राप्त होने वाली सूचनाओं से अपडेट रहें एवं समय पूर्व आवश्यक इंतजाम सुनिश्चित करें।
उक्त नाले की शिकायत एवं कार्यवाही को देखते हुए मक्सी रोड से भोपाल चौराहे से होते हुए राधा गंज के मुख्य गेट से मां चामुंडा टेकरी के सीड़ी द्वार और गुरुद्वारे से होता हुआ जबरेश्वर मंदिर और टेकरी के नीचे बसी जबरन बस्ती से होता हुआ स्टेशन रोड के सामने से कर्मचारी कॉलोनी नई आबादी के सामने से होता हुआ उज्जैन रोड मुख्य मार्ग से लगी सभी कॉलोनियों के सामने से प्राकृतिक नजूल नाला निकला है । जिस पर कई जगह अवैधानिक तरीके से प्राकृतिक नजूल नाले का स्वरूप एवं बहाव ही अपनी मनमर्जी माफीक ही मोड़ कर मेन रोड पर नाले पर अतिक्रमण कर आलीशान कई मंजिला भवन एवं व्यवसायिक फैक्ट्री व प्रतिष्ठानों का बेखौफ निर्माण कर लिया गया है । जिससे प्राकृतिक नजूल नाले का बहाव अवरुद्ध हो कर मक्सी रोड से उज्जैन रोड तक सभी कालोनियों व रोड से लगे घर व दुकानों सहित मेन रोड पर भी बारिश के मौसम में जलभराव की विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है।आम जनता निगम के पूर्व सभापति अंसार अहमद से आस लगाए हैं कि इस प्राकृतिक नजूल नाले को भी अतिक्रमण मुक्त करवाकर प्राकृतिक स्वरूप में लाने की पहल भी करेंगे ! क्योंकि यह नाला उज्जैन चौराहा पर स्थित आपके एकता कार्यालय के पीछे से ही निकला है! और उज्जैन चौराहे पर ही मधुर स्वीट्स मिल्क कॉर्नर की बहुमंजिला आवासीय एवं व्यवसायिक इमारत एवं पास ही बने हुए व्यवसायिक कांपलेक्स भी नाले पर ही अतिक्रमण कर बनाया गया है! इसके लिए अपनी ऊंची पहुंच के दम पर प्राकृतिक नजूल नाले को मनचाहे मोड़ देकर संकीर्ण रूप देकर दबा दिया गया है जिससे यहां से दोनों तरफ पानी का बहाव अवरुद्ध हो कर जलभराव की स्थिति निर्मित होती है इसी नाले पर और भी कई जगह अतिक्रमण किया गया है! जनता उम्मीद लगाए हैं कि निगम के पूर्व अध्यक्ष इस प्राकृतिक नजूल नाले को भी अतिक्रमण मुक्त करवाकर प्राकृतिक स्वरूप में लाने की पहल कब करेंगे?
समाचार के विषय यदि कोई प्रश्न अथवा सुझाव हो तो लेखक से संपर्क कर सकते हैं।
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