चुनाव के बाद भी सरपंच मोह जारी, निर्वाचन में अधिकारियों के प्रमाण पत्रों की क्या अहमियत ! पुराने सरपंच जी नही दे रहे कई पंचायतों में चार्ज ....

भारत सागर न्यूज, राहुल परमार, देवास। हाल ही में संपन्न हुए त्रिस्तरीय ग्राम पंचायतों में चुनाव संपन्न हुए हैं। कोरोना काल के चलते कई सरपंच जी को अधिक समय तक उपस्थित रहने का भाग्य भी मिला लेकिन उनका अभी भी सरपंची का मोह खत्म नही हुआ है। कई पंचायतों में पूर्व सरपंच नवीन निर्वाचित सरपंच को चार्ज देने में आनाकानी कर रहे हैं और उनके आगे पंचायत में काम कर रहे शासकीय सेवक ग्राम पंचायत सचिव और रोजगार सहायक भी बौने पड़ रहे हैं। यहां तक कि निर्वाचन के प्रमाण पत्र भी पूर्व सरपंच जी के आगे छोटे पड़ रहे हैं। जबकि जनता ने अपने प्रतिनिधि चुन लिया है। सभी प्रक्रियाओं के पालन के बावजूद भी निर्वाचित सरपंच को चार्ज नही मिल पा रहा है। ऐसे में या तो पूर्व सरपंच जी के साथ शासकीय सेवकों के मधुर संबंध हो सकते हैं या फिर कोई बड़े भ्रष्टाचार जो सामने न आ आ जाए, इसलिये चार्ज नही दे रहे हैं। 



फिलहाल एक ताजा मामला जिला कलेक्टर के पास पहुंचा है जहां ग्राम के लोगों ने पूर्व सरपंच के चार्ज न दिये जाने को लेकर शिकायत की है। साथ ही पूर्व सरपंच द्वारा किये गये कामों को भी भ्रष्टाचार से जोड़कर बताया है। जिले की उदयनगर तहसील के ग्राम महिगांव के पूर्व सरपंच द्वारा नए सरपंच को पुराने रिकार्ड व सामग्री नही दिए जाने पर वर्तमान निर्वाचित सरपंच मंगती बाई के पुत्र ने बुधवार को कलेक्टर से शिकायत की है। हालहीं में पंचायत चुनाव सम्पन्न हुए, जिसमें गांवों में नए सरपंच निर्वाचित हुई है। लेकिन महिगांव के पूर्व सरपंच और सचिव द्वारा नए सरपंच मंगती बाई को पुराने कार्यों का रिकॉर्ड और कम्प्यूटर सहित अन्य सामग्री नहीं दे रहे हैं। जिसको लेकर ग्रामीणजन कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और कलेक्टर से मुलाकात कर आवेदन सौंपा। सरपंच के पुत्र ने बताया कि पूर्व सरपंच और सचिव द्वारा आय-व्यय एवं अन्य रिकॉर्ड बिल्कुल भी नहीं दिया जा रहा है। जिससे पंचायत के कार्य प्रभावित हो रहे है। शासन द्वारा प्रत्येक ग्राम पंचायत में कम्प्यूटर का पूरा सेट दिया गया है, लेकिन पूर्व सरपंच हमें कुछ सामग्री नहीं दे रहा है। 
















यह तो एक प्रकरण देवास में सामने आया है लेकिन कई सरपंच अपने चार्ज को लेकर इसलिये भी सामने नही आ रहे हैं, क्योंकि वे यदि ऐसे मुद्दों के लिए शिकायत करने आयेंगे तो उनकी साख पर सवाल उठाया जा सकता है। कई सरपंचों ने अपने कार्यकाल में खरीदे गये उपकरण, टेबल कुर्सियों आदि की खरीदी ग्राम पंचायत के नाम से की थी लेकिन अब कार्यकाल समाप्त होने के बाद उन सामानों की घर पंहुच सेवा कर दी है। अब वर्तमान में निर्वाचित सरपंच अपने हिसाब से नई खरीदारी करेंगे और नए सिरे से पंचायतों के सामान को सजाकर अपने अनुसार कार्यकाल संभालेंगे। वैसे तो यह आंकड़ा प्रत्येक पंचायत का लगभग 1 लाख रुपये के आसपास आना चाहिये लेकिन यदि पूरे जिले का आंकलन करेंगे तो यह राशि करोड़ों में आंकी जा सकती है। 

फिलहाल ग्रामीणों की लिखित शिकायत पश्चात कलेक्टर ने एसडीएम से फोन पर चर्चा कर उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया है। लेकिन उपकरणों और सामानों पर प्रारंभ से ही कई पंचायतों में भ्रष्टाचारी निगाहें और प्रतिनिधियों की उपस्थिति लग गई है। 


Comments

Popular posts from this blog

मध्यप्रदेश की विधानसभा के विधानसभावार परिणाम .... सीधे आपके मोबाइल पर | election results MP #MPelection2023

हाईवे पर होता रहा मौत का ख़तरनाक तांडव, दरिंदों ने कार से बांधकर युवक को घसीटा

मध्य प्रदेश ग्रामीण बैंक मे प्रबंधक एवं अधिकारीयो ने दिया ईमानदारी का परिचय