कर्मों का फल भोगना ही पड़ता है, इसलिए सत्कर्म करें- स्वामी रामनारायण

- गीता पाठ के साथ हुआ भंडारा




भारत सागर न्यूज/देवास। मां चामुंडा सेवा समिति द्वारा श्री रामद्वारा में चातुर्मास सत्संग गीता पाठ के दौरान स्वामी रामनारायण जी का समाजसेवी रामेश्वर जलोदिया के नेतृत्व में शाल, श्रीफल, पुष्पमालाओं से आत्मीय स्वागत किया गया। 




स्वामी रामनारायण जी ने चातुर्मास सत्संग के दौरान गीता पाठ में विचार प्रकट करते हुए कहा कि गीता मानव को कर्मशील  बनाती है। संसार में व्यक्ति को कर्म करना ही पड़ता है। निष्काम भाव से कर्म करें, उसका फल निश्चित रूप से मिलता है। प्रत्येक व्यक्ति को अपने कर्मों का फल भोगना ही पड़ता है। इसलिए हमेशा सत्कर्म करें। ईश्वर के प्रति अटूट श्रद्धा ही व्यक्ति को निष्काम कर्म के मार्ग पर  ले जाती है। 




जब भी व्यक्ति को अपने मन में संशय हो उसे गीता का पाठ करना चाहिए, उसे निश्चित रूप से रास्ता मिल जाता है। मां चामुंडा सेवा समिति के नारायण व्यास, नरेंद्र मिश्रा, उम्मेदसिंह राठौड़, दिनेश सांवलिया, इंदरसिंह गौड़, अभिषेक सतीश सोनी, महेश सोनी, प्रो. सीमा सोनी, अभिषेक अवस्थी, राधेश्याम बोडाना, मातृशक्ति मंजू जलोदिया, दुर्गा व्यास, प्रेमलता चौहान, सुधा सोलंकी आदि ने स्वामी जी का स्वागत किया। संचालन रामेश्वर जलोदिया ने किया। आभार महेश सोनी ने माना। कथा के समापन पर भंडारे किया गया, जिसमें सैकड़ों भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया।

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