किसानों ने अपनी मांगों को लेकर 11 अक्टूबर को खाचरोद बंद का किया आह्वान

- कई संगठनों का समर्थन, शांतिपूर्ण आंदोलन की घोषणा




भारत सागर न्यूज//संजय शर्मा/खाचरोद। किसानों ने फसलों के सही मुआवज़े और मंडियों में पारदर्शी व्यवस्था की मांग को लेकर 11 अक्टूबर को खाचरोद बंद का आह्वान किया है। इस संबंध में आयोजित एक प्रेस वार्ता में किसान नेताओं ने कहा कि प्रशासन को कई बार ज्ञापन देने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, जिसके चलते अब किसान एकजुट होकर शांतिपूर्ण तरीके से अपनी आवाज़ उठाएंगे।




आंदोलन का उद्देश्य -
  • फसलों का उचित और वास्तविक मुआवज़ा दिलाना।
  • फसल कटिंग रिपोर्ट में की गई गड़बड़ियों को तत्काल सुधारा जाए।
  • किसानों को फसल का सही मूल्य और समय पर भुगतान सुनिश्चित हो।
  • मटर मंडी में व्यवस्थित और निष्पक्ष नीलामी प्रणाली लागू की जाए, ताकि व्यापारी मनमानी न कर सकें।



किसानों का कहना है कि उनकी मेहनत को लगातार नज़रअंदाज़ किया जा रहा है। बार-बार प्रशासन से गुहार लगाने के बाद भी कोई समाधान नहीं मिला।

खाचरोद बंद का स्वरूप -

“हमारा उद्देश्य केवल किसान की आवाज़ को सरकार तक पहुँचाना है।”

संगठनों की भूमिका -
सरकार से प्रमुख मांगें -
  1. नुकसान की फसलों का सही सर्वे और मुआवज़ा दिया जाए।
  2. मटर मंडी में खुली और निष्पक्ष नीलामी व्यवस्था लागू हो।
  3. खरीदी केंद्रों पर समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जाए।
  4. किसानों की शिकायतों का निपटारा तय समय-सीमा में किया जाए।



किसान नेताओं के शब्दों में -

किसानों ने स्पष्ट किया है कि 11 अक्टूबर का बंद पूरी तरह स्वैच्छिक और शांतिपूर्ण रहेगा। व्यापारी वर्ग और सामाजिक संगठनों ने भी आंदोलन को समर्थन दिया है। किसी भी प्रकार की हिंसा या तोड़फोड़ नहीं की जाएगी। सभी किसान संगठनों, व्यापारी संघों और सामाजिक संगठनों ने संयुक्त रूप से बंद के समर्थन का निर्णय लिया है। 

किसान नेताओं ने साफ कहा कि यह आंदोलन किसी राजनीतिक दल का नहीं, बल्कि किसानों और जनता का आंदोलन है।

  1. “हम किसानों की लड़ाई राजनीति से नहीं, न्याय से लड़ रहे हैं।”
  2. “अगर किसान चुप हो गया, तो खेत भी सूख जाएंगे और बाजार भी।”


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