डेढ़ साल से दर दर भटक रहे तीन परिवार के 25 सदस्य अपने घरों, ज़मीनों को पाकर दीवाली की दोगुनी खुशियां मनाई
- हाईकोर्ट के आदेश से पुलिस प्रशासन की त्वरित कार्यवाही से राहत, न्याय और सुरक्षा मिली
भारत सागर न्यूज/देवास। प्रेम विवाह से नाराज़ होकर लड़की के पिता उनके परिवारजन, बलशाली, बहुसंख्यक, राजनैतिक रसूख वाले साथी 30-35 गुंडो की भीड़ द्वारा सुरमल पिता बूट सिंह उनके भाई शिवनारायण और सेंदु खराड़े के परिवारों के समस्त सदस्यों को रात्री में घरों में घुसकर अत्यंत क्रूरता पूर्वक मारा पीटा, घरों का सामान तोड़ फोड़ कर ले गए, बकरे-बकरी मवेशी 16 नग को भी लूट लिया, कपास बेचकर 50 हज़ार रुपये नगद रखे थे वो भी लूट कर ले गए, तीनों परिवारों के सभी लोगों को बंदी बना लिया गया सभी को खूब मारा पीटा, भूखा प्यासा रखा, और जान से मारने की कोशिशें की गई, लड़की वापस लाने की शर्त रखी और लाखों रुपए मांगे गए, कहा गया कि इस गांव में कदम भी रखा तो जान से मार देंगे।
पीड़ित परिवार जैसे तैसे वहां से भागे और अपनी जान बचाई, अत्याचारयों ने पीड़ित परिवार को अपने घरों से, गांव से खेती की ज़मीनों से वंचित कर दिया, आजीविका का एकमात्र साधन कृषि भूमी ही था, कृषि भूमी पर लहलहाती फसलें खड़ी थी उसे भी लूट लिया, सभी के घरों को खंडर बना दिया गया, भरण पोषण की कृषि भूमियों को तहस नहस कर पूरी तरह उजाड़ दिया गया था, तभी से पीड़ित परिवारजन अन्यत्र भिन्न भिन्न जगहों पर छिप छिपाकर अत्यंत गरीबी में मजदूरी करके घोर कष्टप्रद दिन गुज़ारे, अपने घरों, अपने गांव, अपनी ज़मीनों पर जाने की आस में प्रत्येक दिन तरसते रहे। पीड़ित परिवारों द्वारा पुलिस व जिला सहित सभी जगह गुहार लगाई, कहीं पर भी सुनवाई नहीं होने के बाद सुरमल, शिवनारायण, सेंदु आदि की ओर से हाईकोर्ट एडवोकेट मो. अरशद घोसी ने मध्यप्रदेश हाइकोर्ट खंडपीठ इंदौर में के याचिका प्रस्तूत की जिसमें मौलिक अधिकारों के हनन का मामला होने से उच्चन्यायालय द्वारा उक्त मामले में दिये गए अहम आदेश में याचिकाकर्ताओं को राहत प्रदान की गई , उच्चन्यायालय के आदेश का पालन करते हुए,
थाना प्रभारी उदयनगर अनिता सिंह एवं एस. आई. राजेश गोयल और थाने के पुलिस बल द्वारा त्वरित कार्यवाही की गई जिसमें माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के पालन में तत्परता से कार्यवाही करते हुए पीड़ित दिवाली से चार दिन पहले अपने घरों, अपने गांव, अपनी ज़मीनों को शांतिपूर्वक पाकर दिवाली की दोगुनी खुशियां मनाई। याचिकाकर्ता सुरमल ने कहा- हम सब जगह आस छोड़ चुके थे पर हमें न्यायालय पर पूरा भरोसा था अदालत के निर्णय से हमें न्याय और सुरक्षा दोनों मिले (घर ज़मीन गांव भी) स्थानीय नागरिकों ने भी न्यायालय के इस निर्णय और पुलिस प्रशासन की त्वरित कार्रवाई का स्वागत किया है। याचिकाकर्ता के वकील हाईकोर्ट एडवोकेट मो. अरशद घोसी ने कहा - मौलिक अधिकारों के हनन का मामला होने से माननीय उच्चन्यायालय द्वारा उक्त मामले में आदेश पारित किया गया, इससे प्रतीत होता है कि देश में कानून का शासन विद्यमान है।



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