लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती एवं डॉ. लोहिया की पुण्यतिथि पर समाजवादी विचार मंच की परिचर्चा सम्पन्न
- हिमालय की दुर्दशा और नदियों के संरक्षण पर हुआ गहन मंथ
भारत सागर न्यूज/देवास। लोकनायक जयप्रकाश नारायण की 123वीं जयंती एवं समाजवादी चिंतक डॉ. राममनोहर लोहिया की 58वीं पुण्यतिथि के अवसर पर समाजवादी विचार मंच द्वारा पुण्यस्मरण एवं वर्तमान समय में हिमालय की दुर्दशा एवं नदियों के संरक्षण पर परिचर्चा का आयोजन मिलन गार्डन, गल्र्स कॉलेज के पीछे, इटावा में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ लोकनायक जयप्रकाश नारायण, डॉ. राममनोहर लोहिया एवं पूर्व विधायक स्व. शंकर जी कानूनगो के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया। आयोजक धर्मेन्द्र तिवारी बताया कि देवास में समाजवादियों द्वारा स्वतंत्रता संग्राम, सहकारिता चरणोई आंदोलन, भूदान आंदोलन एवं सम्पूर्ण क्रांति आंदोलन का अलख जेपी एवं डॉ. लोहिया के नेतृत्व में जगाया गया।
मुख्य वक्ता वरिष्ठ समाजवादी विचारक अनिल त्रिवेदी ने कहा कि जयप्रकाश नारायण और डॉ. लोहिया ने जीवनभर मानवता, असमानता और सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष किया। उनका उद्देश्य केवल सत्ता परिवर्तन नहीं, बल्कि मानवीय मूल्य और जनमानस से संवाद स्थापित करना था। आज हमें उनके विचारों को आत्मसात कर लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करनी चाहिए। स्वरूप नायक ने कहा कि आज जब सांप्रदायिक शक्तियाँ समाज में वैमनस्य फैलाने का कार्य कर रही हैं, ऐसे समय में यदि जयप्रकाश जी और लोहिया जी जीवित होते तो देश की दिशा और दशा दोनों ही बदल जाती। वर्तमान पर्यावरणीय संकट, विशेषकर हिमालय की दुर्दशा और नदियों का प्रदूषण, मानव सभ्यता के अस्तित्व के लिए गंभीर खतरा है। समाज के प्रत्येक वर्ग को आगे आकर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लेना चाहिए। यही लोकनायक जयप्रकाश नारायण और डॉ. लोहिया को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। वहीं प्रदीप कानूनगो, डॉ. सुरेश शर्मा और जदयू के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हरिओम सूर्यवंशी ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि समाजवाद ही वह विचारधारा है जो सबको साथ लेकर चलने की प्रेरणा देती है। जब समाज में असमानता और पर्यावरणीय संकट बढ़ रहा है, तब समाजवाद के इन दो महापुरुषों के विचार हमें दिशा देते हैं। कार्यक्रम में वरिष्ठ समाजवादी विचारक सूर्यदेव सिंह, अफजल शेख, इकबाल मंसूरी, लीलाधर चौधरी, इंद्रसेनराव निमोणकर, भैरव सिंह बागी, जावेद शेख, राजेश पटेल, श्याम सोनी, टिनू शर्मा, सरदार सिंह ठाकुर, जगदीश मालवीय एवं एड. अजमत कुरैशी शामिल थे। अंत में सभी ने समतामूलक समाज की स्थापना और नदियों के संरक्षण का सामूहिक संकल्प लिया और जयप्रकाश-लोहिया के समाजवादी विचारों को जन-जन तक पहुँचाने का संकल्प लेते हुए कार्यक्रम का समापन हुआ।
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