सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ — घर में रहकर भी परमात्मा को प्राप्त किया जा सकता है : पं. जोशी
भारत सागर न्यूज/संजू सिसोदिया/हाटपीपल्या। कॉलोनी में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ हुआ। पहले दिन पंडित गोवर्धन जोशी ने कहा कि जिसने जीवन के 25 वर्ष सुधार लिए उनके 75 वर्ष अच्छे निकलते हैं। जिसने जीवन के 25 वर्षों को बिगाड़ लिया तो उनके बाकी वर्ष खराब निकलते हैं।
शास्त्रों में जीवन जीने की पद्धति बताई गई कि 25 वर्ष तक ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करना चाहिए। 50 वर्ष तक गृहस्थ आश्रम में रहना चाहिए। 50 से 75 वर्ष तक सन्यास आश्रम में रहना चाहिए और 75 से 100 साल तक वानप्रस्थ आश्रम में रहना चाहिए। घर में रहकर भी हम परमात्मा को प्राप्त कर सकते हैं। धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष धर्म का पालन करो। काम करो, धन कमाओ और अंत में मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है।
परमात्मा ने हमें जो काम दिया है उस काम को ईमानदारी से करने पर हमारा काम भी भगवान की पूजा बन जाता है। परमात्मा को प्राप्त करने के तीन साधन बताए गए। कर्म मार्ग, योग मार्ग और भक्ति मार्ग। भक्ति मार्ग सबसे सरल मार्ग है। गलती से भी हमार। हाथ अग्नि में पड़ जाता है तो अग्नि हाथ को जला देती हैं। वैसे ही गलती से भी हमारे मुख से भगवान का नाम निकल जाता है तो वह नाम हमारे पाप को जला देते हैं। मृत्यु के समय हमारे साथ ना घर जाता है और न परिवार जाता है। ना ही धन जाता है। मृत्यु के समय हमारा पाप और पुण्य हमारे साथ जाता है।



Comments
Post a Comment