प्रोत्साहन राशि सहित अन्य मांगों पर आशाओं का प्रदर्शन, 17 नवंबर से अनिश्चितकालीन धरने की घोषणा

- ज्ञापन सौंपकर जताई नाराजगी, कहा मांगों का निराकरण करें




भारत सागर न्यूज/देवास। मप्र आशा-आशा सहयोगिनी श्रमिक संघ के बैनर तले आशा एवं पर्यवेक्षकों ने प्रोत्साहन राशि का भुगतान सहित सभी बकाया राशियों एवं अन्य समस्याओं के निराकरण की मांगों को लेकर कलेक्टर कार्यालय में नारेबाजी करते हुए मिशन संचालक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मांगों का निराकरण नहीं करने पर आंदोलन को और तेज करने की बात कही गई।




ज्ञापन में कहा गया कि मध्य प्रदेश में आशा एवं पर्यवेक्षकों को भुगतान करने की स्थिति बहुत दयनीय है। पिछले तीन-तीन महीनों का भुगतान नहीं किया जाना एवं कई कार्यों में प्रोत्साहन राशि का भुगतान भी काफी बकाया होने से आशा एवं पर्यवेक्षक बेहद परेशान है। यह अत्यंत चिंता का विषय है कि रक्षाबंधन एवं दीपावली के महत्वपूर्ण त्यौहार के अवसर पर भी आशा एवं पर्यवेक्षकों का भुगतान नहीं किया गया, जबकि दीपावली से पूर्व हर विभाग में मजदूरों और कर्मचारियों का सभी बकाया राशियों का भुगतान किया जाता है और त्योहार अलाउंस भी दिया जाता। आशा एवं पर्यवेक्षक दिन-रात काम करती हैं, लेकिन उनके भुगतान के संबंध में विभाग कभी भी गंभीर नहीं रहता।




उल्लेखनीय है कि आशा एवं पर्यवेक्षक को राष्ट्रीय श्रम सम्मेलन में इन्हें शहीद योजना कर्मियों और श्रमिक का दर्जा न्यूनतम वेतन एवं सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ देने का निर्णय लिया गया, लेकिन कर्मचारियों के दर्जे से वंचित कर वे सारे अधिकारों को देने से इनकार करते हैं। अन्य कर्मचारियों की तरह आशा एवं पर्यवेक्षकों को भी प्रत्येक माह में निश्चित दिनांक को, नियमित रूप से वेतन/प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने का अधिकार है लेकिन नहीं दिया जाता है। विभागीय अधिकारियों द्वारा कई बार दिखावे के तौर पर आदेश जारी कर आशा एवं पर्यवेक्षकों को प्रत्येक माह की 5 तारीख तक प्रोत्साहन राशि का नियमित रूप से भुगतान करने का निर्देश किया गया एवं मिशन संचालक सहित अधिकारियों द्वारा भी आश्वासन दिया गया, उसके बाद भी इसे लागू नहीं किया जाता है। प्रत्येक वर्ष आशा एवं पर्यवेक्षकों को उनके कार्य का संपूर्ण भुगतान न देने के लिए कभी बजट का तो कभी सॉफ्टवेयर चेंज होने का बहाना विभाग के द्वारा बताया जाता रहा है। इन बहानों के माध्यम से आशा की हजारों में राशि का घपला कर दिया जाता है और घपला उजागर होने के बाद विभाग उस राशि की रिकवरी कर लेता है, लेकिन आशा के हिस्से की ये राशि आशा को प्रदान नहीं की जाती है। आशा एवं पर्यवेक्षकों का राज्य एवं केंद्र की राशि एवं इंसेंटिव का एक साथ नियमित रूप से भुगतान न होने से इसमें कई तरह की गड़बड़ियां होती हैं जिसका नुकसान आशाओं को उठाना पड़ता है।
ज्ञापन में कहा गया कि मांगों के निराकरण होने तक नियमित रूप से आंदाेलन करने एवं इसकी शुरुआत में 17 नवंबर 2025 को जिला मुख्यालय पर पड़ाव डाल कर धरना प्रदर्शन करते हुए एनएचएम कार्यालय पर अनिश्चितकालीन हल्ला बोल प्रदर्शन किया जाएगा। ज्ञापन में मांग की गई कि आशा एवं पर्यवेक्षक के वेतन/प्रोत्साहन राशि के सभी बकाया राशियों का तुरंत भुगतान किया जाएं। केंद्र सरकार द्वारा बढ़ाई गई 1500 रुपए की राशि का एरियर सहित तुरंत भुगतान किया जाएं। वेतन प्रोत्साहन राशि का प्रत्येक माह की 5 तारीख तक नियमित रूप से भुगतान सुनिश्चित किया जाएं। आशा एवं पर्यवेक्षकों को किए जाने वाले वेतन भुगतान की स्लिप दी जाएं। 29 जुलाई 2023 को वार्षिक वृद्धि की राशि ₹1000 का एरियर सहित भुगतान किया जाएं। विभागीय कार्य के दौरान दुर्घटना में घायल आशा एवं पर्यवेक्षक को 5 लाख रुपये तथा मृत्यु की दशा में परिवार को 10 लाख रुपए दिए जाए। इस अवसर पर जिला अध्यक्ष सुनीता चौहान, अनुराधा लोधी, अनीतासिंह, माया चौहान, आशा सहयोगी पवित्रा चौधरी आदि उपस्थित थीं।

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