अखिल भारतीय लघु कथा सम्मेलन 2025 में श्रीमती श्रुति गौर तोमर के काव्य संकलनों ‘अर्क’ एवं ‘अंधेरे में तारे’ काव्य संग्रहों का हुआ विमोचन
भारत सागर न्यूज/देवास। मध्य भारत हिंदी साहित्य समिति, इंदौर के तत्वावधान में आयोजित अखिल भारतीय लघु कथा सम्मेलन 2025 साहित्यिक सृजन और विमर्श का एक यादगार अवसर बन गया, जब क्षितिज साहित्य संस्था, इंदौर के बैनर तले आयोजित समारोह में देवास जिले में जिला विस्तार एवं माध्यम अधिकारी,के पद पर कार्यरत श्रीमती श्रुति गौर तोमर के दो काव्य संकलनों ‘अर्क’ एवं ‘अंधेरे में तारे’ का गरिमामय विमोचन संपन्न हुआ। यह आयोजन शिवाजी सभागार, इंदौर में संपन्न हुआ, जिसमें साहित्यिक जगत की प्रतिष्ठित हस्तियों की उपस्थिति ने समारोह को विशेष बना दिया।
मुख्य अतिथि के रूप में पधारे नर्मदा प्रसाद उपाध्याय ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा, “कविता केवल भाव नहीं, वह समाज की आत्मा है। ‘अर्क’ और ‘भोर के तारे’ में संवेदना की गहराई और यथार्थ की झलक मिलती है।”
विशिष्ट अतिथि राकेश शर्मा, वीणा पत्रिका के संपादक, ने कहा कि कथा और किंवदन्तियो के देश भारत में साहित्य की समृद्ध परंपरा रही है और काव्य साहित्य की गहराई है। उन्होंने संकलनों की भाषा, भाव और सामाजिक सरोकारों की सराहना करते हुए कहा, श्रुति गौर तोमर की कविताएँ समय की धड़कन हैं वे पाठक को भीतर तक झकझोरने को मजबूर करती हैं।
क्षितिज संस्था के संचालक सतीश राठी ने आयोजन की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि यह विमोचन केवल एक साहित्यिक घटना नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक संवाद है। लघु कथा शोध केंद्र समिति भोपाल की निदेशक कांता रॉय ने संकलनों की रचनात्मकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इन कविताओं में स्त्री चेतना, प्रकृति और सामाजिक यथार्थ का सुंदर समन्वय है। श्रुति गौर तोमर की कविताएं समाज को आईना दिखलाने का कार्य करती हैं।
श्रीमती श्रुति गौर तोमर ने अपने काव्य संकलनों के लिए स्वर्गीय माता पिता श्रीमती मालती विश्व विजय सिंह गौर पति डी पी सिंह, श्रीमती कांता रॉय भोपाल, संजय पठाड़े शेष बैतूल एवं अपने दोनों बच्चों आद्या तोमर एवं ऐश्वर्य राज सिंह तोमर का आत्मिक आभार व्यक्त किया है। विमोचन के अवसर पर उपस्थित साहित्यप्रेमियों, प्रबुद्ध जन और वरिष्ठ नागरिकों ने संकलनों की प्रतियाँ प्राप्त कीं और कवयित्री को बधाई दी। 'अर्क’ में जीवन की अनुभूतियाँ हैं, जबकि ‘अंधेरे में तारे’ में आशा, पुनर्जागरण और संवेदना की कोमल अभिव्यक्ति है।





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