श्रीमद् पितृ भागवत कथा प्रेत पीड़ाओं का विनाश कर आत्माओं को मोक्ष प्राप्त करती है- पंडित अजय शास्त्री
- प्रभु जी मेरी लागी लगन मत तोड़ना, हरि जी मेरी लागी लगन मत तोड़ना भक्ति गीत पर श्रद्धालु झूम उठे
भारत सागर न्यूज/देवास। खाटू श्याम मंदिर प्रांगण मुखर्जी नगर रोड पर 13 से 19 नवंबर तक पितृ भागवत कथा का आयोजन किया गया है। शुभारंभ अवसर पर अलकापुरी से अमलेश्वर महादेव मंदिर विजयनगर तक बेंड,बाजे,बघ्घी के साथ कलश यात्रा निकाली गई। जगह-जगह धर्म प्रेमियों द्वारा पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत किया गया। सैकड़ो महिलाएं सिर पर कलश धारण कर कलश यात्रा में शामिल हुई।
व्यास पीठ से भागवताचार्य पं.अजय शास्त्री सिया वाले ने कथा शुभारंभ अवसर पर अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि जब भगवान श्री कृष्ण इस धरा धाम से अपने परमधाम जा रहे थे। तब उद्धव ने कहा कि है श्री कृष्ण आप हमें छोड़ कर जा रहे हैं, अब हमारा क्या होगा। हम भी आपके साथ चलते हैं। भगवान श्री कृष्ण ने उद्धव से कहा कि मैं सदैव अपने भक्तों के हृदय में विराजमान रहता हूं। है उद्धव यदी तुम्हें अपने साथ ले जाएंगे। तो मेरी भक्ति भाव का जन जागरण कैसे प्रसारित होगा। श्री कृष्ण ने उद्धव के हठ करने पर अपना अंश निकालकर दे दिया और श्रीमद् भागवत पोथी उद्धव के हाथों में आ गई। कहा कि जब कोई इस सांसारिक दुनिया को छोड़कर जाता है। तो सिर्फ उसकी यादें शेष रह जाती है।
आगे कहा कि नर में ही नारायण का वास होता है। ईश्वर का अंश है नर। उसमें ही मेरा अंश है। वह मेरा ही अंश है। अपने वंश का तेज भगवान ने इस पोथी में अर्पित कर दिया है। श्रीमद पितृ भागवत कथा प्रेत पीड़ाओं का विनाश कर आत्माओं को मोक्ष प्राप्त करती है। कोई जल कर मर जाता है, तो कोई अकाल मर जाता है।ओर इस संसार को लोग छोड़ कर चले जाते हैं। इसलिए कई लोगों को प्रेत की योनि प्राप्त होती है। और इस प्रेत योनि की मुक्ति के लिए संसार में कोई साधन नहीं है।
इसलिए उनकी आत्माओं की मुक्ति के लिए पितृ भागवत कथा कराई जाती है।जो व्यक्ति श्रीमद् पितृ भागवत का आयोजन करता है। उसकी कई पीढ़ियां तर जाती है। उन्हें मोक्ष मिल जाता है। आगे कहां की श्रोता अवधूत और वक्ता अद्भुत हो तो कथा मोक्ष आवश्य करा देती है। प्रभु मेरी लागी लगन मत तोड़ना, भक्ति गीत की भावपूर्ण प्रस्तुति पर श्रद्धालु झूम उठे आयोजक मंडल के कन्हैयालाल सोनी, महेश कुमार सोनी एवं धर्म प्रेमियों ने व्यास पीठ की पूजा अर्चना कर महा आरती की। सैकड़ो लोगों ने कथा श्रवण कर धर्म लाभ लिया।




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