उच्च न्यायालय द्वारा कलेक्टर व संभागायुक्त का आदेश निरस्त

देवास। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय खण्ड पीठ इंदौर में दायर एक रिटपिटिशन में जिलाबदर के संबंध में एक आदेश पारित कर उज्जैन संभागायुक्त व देवास कलेक्टर के आदेशों को खारिज कर दिया गया है। मध्यप्रदेेश उच्च न्यायालय खंडपीठ में हाइकोर्ट इंदौर केे वरिष्ठ अभिभाषक हितेश शर्मा के माध्यम से एक रिटपिटीशन दायर की गई थी जिसमें अनावेदक ने यह तर्क दिया था कि आदेश में जो प्रकरण है वह विचाराधीन है एवं दोषमुक्त हो चुके हैं। पुलिस अधीक्षक देवास द्वारा गलत आधारों पर प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया था। देवास निवासी सामाजिक कार्यकर्ता जाकीर अली को 5 अक्टूबर 2018 को देवास कलेक्टर द्वारा एक वर्ष के लिये जिले एवं आसपास के जिलों से निष्कासित किया गया था जिसके विरूद्ध जाकीर अली ने संभागायुक्त के यहां आपत्ती प्रस्तुत की थी जो कि संभागायुक्त के द्वारा निरस्त कर दी गई थी तब जाकिर अली ने अपने अधिवक्ता हितेश शर्मा के माध्यम से कलेक्टर एवं संभागायुक्त के जिला बदर के आदेश को चुनौती दी गई जिस पर सुनवाइ में माननीय उच्च न्यायालय इंदौर खंडपीठ के न्यायमूर्ति विवेक रूसियाजी द्वारा शासन को एवं जाकिर अली के अधिवक्ता को सुनकर कलेक्टर देवास व संभागायुक्त उज्जैन के आदेश को इस आधार पर निरस्त किया कि सूचना पत्र में मात्र अपराधों की संख्या के आधार पर जाकिर अली को जिला बदल करना न्यायोचित नहीं है। कलेक्टर के नोटिस में किसी गवाह का जिक्र नहीं है जो कि न्यायालय में जाकीर के खिलाफ बयान देने नहीं आ रहे हैं।कलेक्टर का आदेेश मात्र तकनीकी है जो कि निरस्ती के योग्य है। 


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