रेती का अवैध हो रहा परिवहन, किसके सहयोग और संरक्षण से चल रहा खुलेआम रेती का व्यापार ! जिम्मेदार अनभिज्ञ


राहुल परमार, देवास पिछले दिनों प्रदेश में कमलनाथ सरकार ने रेती के और अन्य खनिजों के अवैध उत्खनन और परिवहन को लेकर सख्त संदेश दिए थे। जिनमें केवल स्टॉक किये गए माल को खत्म करने के सख्त निर्देश भी थे । अभी तो नई लीज की शुरुआत भी ठीक से नही हुई। इधर ठेकेदारों और दलालों ने इसका नया रास्ता निकाल लिया है। गाड़ियों को बाहर से लाकर कुछ अधिकारियों से मिलकर गुप्त रास्ते से लाया जाता है। पहले तो गाड़ी की राॅयल्टी अलग-अलग स्थानों की बनावाई जाती है फिर उसी राॅयल्टी पर अन्य स्थानों पर अवैध तरीके से परिवहन कर रेती को तय दामों से अधिक बेचा जाता है।
 कुछ इसी प्रकार का ताजा मामला देवास में देखने को आया है। जहां भोपाल चैाराहा पर मीना बाजार के समीप स्थित काम्पलेक्स में एक व्यवसायी के यहां बालू रेती से भरा ट्रक क्रं RJ 09 GC 9683 खाली हो रहा था। इस दौरान दो पुलिसकर्मी भी संबंधित व्यवसायी के आॅफिस में बैठे थे। संभवतः वे उस दौरान उसे संरक्षण दे रहे थे। जैसे ही मिडिया वहां पंहुची तुरंत पुलिसकर्मियों ने आॅफिस से निकलकर ट्रक को थाने ले जाकर खड़ा कर दिया। तब तक ट्रक में से दो ट्राली रेती खाली की जा चुकी थी जिसके विडियो हमारे पास सुरक्षित हैं। इस दौरान घटित दृश्य के बाद निम्न सवाल खड़े होते हैं - 
1. यदि ट्रक की राॅयल्टी सही थी तो पुलिस उस कार्यालय पर किस भूमिका में खड़ी थी ?
2. यदि ट्रक का माल तथा परिवहन अवैध था तो खनिज विभाग तथा संबंधित अधिकारियों का को इसकी सूचना 24 घंटे बाद क्यों दी गई ? 
3. पुलिस शाम तक ओवरलोडिंग का चालान बनाने का बोलती रही । बाद में रॉयल्टी का ? क्या आखिर राॅयल्टी और दस्तावेज देखने का बाद भी केवल मामुली चालान बनाकर मामला रफादफा किया जाना था ? 
4. जिस व्यापारी के यहां ट्रक खाली हो रहा था, वो और अन्य व्यापारी इस प्रकार के ट्रकों का परिवहन कर रेती का व्यवसाय नियमित करते हैं और औने पौने दाम पर बेचते हैं? पुलिस और प्रशासन को क्या इस बात की जानकारी नही थी ? 
देवास में भोपाल रोड़ बायपास पर रेत मंडी है जहां इस तरह के ट्रकों की रोजाना सैकड़ों खेप खाली होती हैं जिनकी रायल्टी तो किसी और शहर की बनी होती है लेकिन खाली कही और होती है। ऐसे में अवैध परिवहन करके खुलेआम सरकार को चुनौती देने का कार्य रेत माफिया कर रहे हैं और रेत की कमी को पुरा न होने से औने पौने दाम पर बेचते हैं। इस संबंध में गाड़ी के ड्रायवर कालू से जब बात की तो उन्होने इसे गुजरात से लाना बताया और यह भी स्वीकार किया कि पुलिस वालों के कहने पर हमने ट्रक को खाली करना बंद कर दिया था। उक्त ट्रक का राॅयल्टी अनुसार समय 18 घंटे का था जो कि दिनांक 13 अक्टुबर को सुबह 9.30 पर समाप्त हो चुका था। उक्त ट्रक को पुलिस से छुड़ाने के लिए कई जतन किये गए लेकिन कोई नेतागिरी काम न आ पाई। 
नियमित है इस प्रकार के मामले, रोजाना खाली होते हैं दर्जन भर ट्रक 
देवास रेत मंडी के अलावा कई दलाल बाहरी ट्रक के माध्यम से अवैध परिवहन कर रेत की खरीदी बिक्री करते हैं। इन ट्रकों के माध्यम से कुछ अधिकारियों और आवश्यकता हो तो उच्च अधिकारियों के साथ मिलकर गुप्त रूप से रात में खाली करवाया जाता है। विभिन मार्गो से परिवहन कर रेती का स्टॉक किया जाता है ताकि प्रशासन को लगे कि इनके पास पर्याप्त स्टॉक है। 


बहरहाल इस मामले में पुलिस तथा प्रशासन अभी तक सुस्त दिखाई पड़ते हैं। क्योंकि दस्तावेज , रॉयल्टी और जानकारी सुदृढ़ होने के बावजूद कार्यवाही में 3 दिन होना शंका के घेरे में आता है। 


इसके अलावा और थे 2 ट्रक, जिन्हें कर दिया गया खाली
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस ट्रक के अलावा भी 2 ट्रक और कही गुप्त रूप से रेती परिवहन कर शहर में प्रवेश हुए थे लेकिन एक ट्रक के मामले में उजागर होने के बाद उन्हें पुलिस के किसी बड़े अधिकारी के माध्यम से गुप्त रूप से छुपाकर रातोंरात खाली कर वापस भेज दिया गया।  


बीएनपी थाने से पत्र आया है जिसे संज्ञान में लेकर जांच की जा रही है, 2 से 3 दिन में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। 
- धर्मेन्द्र चौहान, जिला खनिज अधिकारी, देवास


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