ग्राम पंचायत सचिव, रोजगार सहायकों ने 10 मई से दी आंदोलन की चेतावनी ...?

  • कोरोना योद्धा के नाम पर दोहरी नीति का आरोप लगाया
  • 26 अप्रेल को आदेश जारी होने के बाद भी अमल नही होने से नाराज
  • मैदानी अमले को नाराज कर मौत के मुंह मे धकेलने का षड्यंत्र



देवास। कोरोना योद्धा के नाम पर अधिकारियों की दोहरी नीति के विरोध में पंचायत सचिव रोजगार सहायको ने 9 मई तक का अल्टीमेटम दिया है। मांगो का निराकरण नहीं हुआ तो काम बंद-कलम बंद, कार्यालय बंद विरोध करेंगे। उक्त आशय की जानकारी देते हुए मध्यप्रदेश पंचायत सचिव संगठन के प्रदेश संगठन महामंत्री धर्मेन्द्र जोशी, देवास जिला अध्यक्ष आनंद सिंह ठाकुर, सचिव संगठन के ब्लॉक टोंकखुर्द अध्यक्ष मनोहर सायल, कन्हैयालाल पटेल देवास, भंवरसिंह यसोना सोनकच्छ, जगदीश जाट राजेश तिवारी, ईश्वर सिंह चौहान, सुलतान सिंह सिसोदिया, विनोद महेंदीया,विजय माली,राजेश बागवान, विश्वास बघेल, ने संयुक्त बयान जारी कर कहा है कि प्रमुख सचिव पंचायत एवम ग्रामीण विकास विभाग द्वारा 26 अप्रेल को पंचायत सचिव/सहायक सचिव समेत ग्रामीण विकास के अमले को जिलावार कोरोना योद्धा के अंतर्गत पात्रकर्मी के रूप में आदेश जारी करने के निर्देश जारी किए गए थे। इसके बावजूद प्रदेश भर से 10-12 कलेक्टरो द्वारा पूर्व में जारी आदेश निरस्त कर दिए गए हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार आदेश निरस्त करने के लिए भोपाल स्तर से वीडियो कॉन्फ्रेंस में निर्देश दिए गए हैं।
कोरोना योद्धा के अंतर्गत पंचायत सचिव एवम ग्राम रोजगार सहायकों के आदेश निरस्त होने से पूरे प्रदेश की 23,000 ग्राम पंचायतों में हड़कंप का माहौल निर्मित होकर,प्रदेश संगठन के आव्हान पर इस भीषण महामारी के दौर में ग्रामीण विकास के इस अमले को आंदोलन की राह पकड़नी पड़ी है, पंचायत सचिवों, ग्राम रोजगार सहायकों का कहना है कि कोरोना योद्धा के पात्रकर्मी होने के बावजूद पात्रता के आदेश निरस्त कर दबाव डाल कर पंचायत सचिवों एवं ग्राम रोजगार सहायकों से इस भयावह स्थिति में भी गाँव मे सेनिटाईजेशन, दवाइयों का वितरण, बीमारो का सर्वे ,वेक्सीनेशन का प्रचार इत्यादि कोविड सम्बंधित कार्य इस दौरान प्रदेश भर में सेकड़ो पंचायत सचिव/ग्राम रोजगार सहायक और उनके परिवार संक्रमण के शिकार हो गए हैं,प्रदेश भर में 25 से अधिक पंचायत सचिवों की मौत संक्रमण और कोविड के कारण हो चुकी है, पंचायत सचिवों ने आरोप लगाया है कि प्रदेश भर के बड़े अधिकारी वल्लभ भवन से लेकर जिला पंचायतो, कलेक्टर कार्यालयो तक एसी रूम में बैठकर  तुगलकी फरमान जारी कर सरकार को बदनामी के दावानल में झोंकने का षड्यंत्र कर रहे हैं। जिससे मैदानी अमले में आक्रोश व्याप्त हैं। पंचायत सचिवों और सहायक सचिवो को मौत के मुँह में धकाया जा रहे है। नाराज पंचायत सचिव एवम सहायक सचिवो ने आंदोलन की राह पकडकर चेतावनी दी है कि 9 मई तक यथावत कोरोना योद्धा कल्याण के आदेश विधिवत पात्रकर्मी के रूप मे जारी नही किये गए तो 10 मई से काम बंद, कलम बन्द, कार्यालय बन्द, फोन बंद कर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। पंचायत सचिवों ने कहा है कि प्रदेश भर में हाल ही में कोविड ड्यूटी के दौरान मृत हुए पंचायत सचिवों एवम ग्राम रोजगार सहायको के परिवारो को तत्काल 50-50 लाख का कंपनसेशन कोरोना योद्धा कल्याण मद से किया जावे और जिन अधिकारियों की ग़लत बयानी और तुगलकी फरमान से यह स्थिति आंदोलन के रूप में निर्मित हुई है। इसकी सूक्ष्म जांच की जाए। इस आशय का ज्ञापन प्रदेश के मुख्यमंत्री, पंचायत मंत्री, प्रमुख सचिव पंचायत, आयुक्त पंचायत राज एवम प्रदेश भर के जिला पंचायत सीईओ एवम कलेक्टरो को दिया गया है।

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