बैंक नोट प्रेस के डिप्टी कंट्रोलर को न्यायालय ने दी आजीवन कारावास की सजा......

चार वर्ष पूर्व जूते में नोट छुपाकर ले जाते हुए हुए सीआईएसएफ ने पकड़ा था 



देवास। बैंक नोट प्रेस से करीब 90.59 लाख रुपए के नोट चुराने के चार साल पुराने मामले में आरोपी डिप्टी कंट्रोलर मनोहर वर्मा उम्र 55 निवासी 35 साकेत नगर,देवास को न्यायालय ने बुधवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाते अर्थदंड से दंडित किया। प्रकरण की सुनवाई के दौरान आरोप सिद्ध होने पर आरोपी को तीन अलग-अलग धाराओं में दंडित किया गया है साथ ही आजीवन कारावास के साथ ही 75 हजार रुपए का अर्थदंड भी न्यायालय ने किया है। दरअसल 19 जनवरी 2018 को सीआईएसएफ ने बैंक नोट प्रेस में डिप्टी कंट्रोलर मनोहर वर्मा को जूते में नोट छिपाते हुए पकड़ा था। तलाशी लेने पर इसके पास से नोटों की गड्डी मिली थी। उसके बाद उसके आफिस व घर से कुल करीब 90 लाख 59 हजार 300 रुपए जब्त किए गए थे। बीएनपी से आरोपी जूते में रुपए छुपाकर घर ले जाता था। उक्त मामला कोर्ट में विचारधीन था। आज मामले में कोर्ट ने आरोपी को दो धाराओं में आजीवन कारावास एक में 7 साल की सजा है। 

यह था घटनाक्रम 

राजेन्द्र सिंह भदौरिया, प्रभारी उप संचालक अभियोजन/जिला अभियोजन अधिकारी द्वारा बताया कि- दिनांक 19.01.2018 को समय लगभग प्रात: 7 बजकर 50 बजे बैंक नोट प्रेस के एनबीएफ सेक्शन (जहां रिजेक्ट नोटों की कटिंग की जाती है) के कारीडोर में तैनात सीआईएसएफ ड्यूटी पर तैनात जवान आ/जीडी मनेन्द्र सिंह एवं आ/जीडी लिलेस्वर प्रसाद के द्वारा देखा गया कि एनबीएफ सेक्शन में कार्यरत मनोहर वर्मा कर्मचारी संख्या 4106 उपनियंत्रक अधिकारी, बीएनपी देवास एक बॉक्स में कुछ वस्तु छुपा कर रख रहा था जो उन्हें देखने में संदिग्ध लगा जिसकी सूचना उन दोनों बल सदस्यों के द्वारा इकाई के सभी उच्च अधिकारियों को दी गई, तथा निरीक्षक/कार्य अनिल कुमार, ए निरीक्षक/कार्य आकाश दुबे, निरीक्षक/कार्य डीएल मीणा एवं उपनिरीक्षक/कार्य पंकज सिंह एवं उपनि/कार्य विकाश चौधरी घटना स्थल पर पहुंच कर उक्त कर्मचारी की तलाशी लेने पर उसके पैर के जुतों में 200-200 रूपये के 2 बंडल पाये गये जिसके पश्चात उक्त कर्मचारी को अपने कब्जे में लेकर पूछताछ कर उसे साथ में लेकर टेबल दराज की तलाशी ली गई जिसमें भी पांच सौ रूपये एवं दो सौ रूपये के विभिन्न नोट लगभग राशि 26,09,300/- बरामद किये गये। उसके पश्चात पुलिस द्वारा उसके घर से लगभग 64,50,000/- रूपये के पांच सौ एवं दो सौ रूपये के नोट जप्त किये गये।



सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पकड़ाया था 

प्रकरण में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना की गई विवेचना के दौरान फरियादी विकास चौधरी एवं अन्य साक्षीगण के कथन लेखबद्ध किये गये, बैंक नोट प्रेस की एनबीएफ शाखा (घटना स्थल) में लगे सीसीटीवी फुटेज दिनांक 10.01.2018 से 19.01.2018 तक की हार्ड डिस्क एवं 65 बी साक्ष्य अधिनियम के प्रमाण पत्र सहित, आरोपी मनोहर वर्मा का सेवा अभिलेख तथा जप्त नोटों से संबंधित विकत नोटों के रजिस्टर, सूचियां जप्त की गई। विवेचना में उपलब्ध साक्ष्य से पाया गया कि कि आरोपी मनोहर वर्मा द्वारा लोकसेवक के रूप में कार्य के दौरान उसको सौंपे गये विकृत नोटों को नष्ट न करवाते हुये, छुपाकर कर घर ले जाकर रखे व खर्च किये जो आरोपी के विरूद्ध धारा 409,489(ख)(ग) भादवि का अपराध पूर्णत: सिद्ध पाये जाने से मामले में अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। उक्त प्रकरण गंभीर जघन्य सनसनीखेज की श्रेणी में चिन्हित किया गया था।  

न्यायालय ने दी आजीवन कारावास की सजा

उक्त प्रकरण में तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश द्वारा दिनांक 16.03.2022 को निर्णय पारित कर आरोपी मनोहर वर्मा, उम्र 55 वर्ष निवासी 34 साकेत नगर, देवास को धारा 409, 489 (ख) भादवि में आजीवन कारावास एवं 25-25 हजार रूपये अर्थदण्ड एवं धारा 489 (ग) भादवि में 7 वर्ष का सश्रम कारावास व 25,000/- के अर्थदण्ड से दंडित किया गया। उक्त प्रकरण में शासन की ओर से अभियोजन का संचालन तत्कालीन उप संचालक अभियोजन अजयसिंह भंवर  द्वारा किया गया एवं वर्तमान में उक्त प्रकरण का सफल संचालन अविनाश सिरपुरकर एवं कौस्तुभ पाठक, अधिवक्ता (विशेष लोक अभियोजक) द्वारा किया गया एवं कोर्ट मोहर्रिर आरक्षक 105 विनोद लहरी का विशेष सहयोग रहा।


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