देश की पहली डिजिटल जनगणना 2027, 34 लाख कर्मी जुटेंगे काम में, जनता खुद कर सकेगी एंट्री।
भारत सागर न्यूज/नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी प्रशासनिक प्रक्रिया जनगणना 2027 की तैयारी तेज़ हो गई है और इस बार यह पूरी तरह डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आधारित होगी। जनगणना महापंजीयक कार्यालय ने इस ऐतिहासिक प्रयास की रूपरेखा जारी करते हुए बताया कि पहली बार जातीय गणना भी इसी प्रक्रिया में सम्मिलित की जाएगी।
खास बात यह है कि इस बार जनगणना के नतीजे पहले की तुलना में रिकॉर्ड समय—महज 9 महीनों—में उपलब्ध हो सकेंगे, जबकि अब तक इसमें औसतन 18 महीने लगते थे। जनगणना दो चरणों में होगी और नागरिक स्वयं भी वेब पोर्टल और मोबाइल एप के माध्यम से हिंदी, अंग्रेजी सहित 16 भाषाओं में अपनी जानकारी दर्ज कर सकेंगे। मकान सूचीकरण, आवास जनगणना और जनसंख्या गणना के लिए विशेष पोर्टल तैयार किया गया है।
मार्च 2027 तक गिनती का काम पूरा किया जाएगा और अप्रैल से दिसंबर 2027 के बीच डेटा प्रोसेसिंग, सत्यापन और विश्लेषण कर नतीजे सार्वजनिक किए जाएंगे। 34 लाख गणना कर्मी इस काम में जुटेंगे जिन्हें तीन स्तरों पर प्रशिक्षित किया जाएगा—नेशनल ट्रेनर, मास्टर ट्रेनर और फील्ड ट्रेनर के रूप में।
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पूरी प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, त्वरित और त्रुटिहीन बनाने के लिए रियल टाइम डेटा ट्रांसफर, जीपीएस टैगिंग और एआई आधारित इंटेलिजेंट कैरेक्टर रिकग्निशन टूल्स का उपयोग किया जाएगा।
इसके साथ ही राष्ट्रव्यापी प्रचार अभियान चलाकर आम जनता को इस प्रक्रिया से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा।जनगणना की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा गया है कि वे अपनी प्रशासनिक सीमाओं में 31 दिसंबर 2025 से पहले कोई भी बदलाव कर लें। 1 जनवरी 2026 से मार्च 2027 तक ये सीमाएं स्थिर यानी ‘फ्रीज’ रहेंगी ताकि गिनती के दौरान किसी भी भ्रम की स्थिति से बचा जा सके।
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