बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत विद्यार्थियों को बाल विवाह कानूनी प्रावधानों और दुष्परिणामों से कराया अवगत
जिला जनसंपर्क कार्यालय देवास
भारत सागर न्यूज/देवास। जिले में बाल विवाह मुक्त भारत अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत "सौ दिवसीय "बाल विवाह मुक्त भारत अभियान" के प्रथम चरण का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
इसी के तहत महिला एवं बाल विकास विभाग और शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में टोंकखुर्द ब्लॉक के शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, शासकीय मॉडल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, सांदीपनि शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में विशेष सत्रों का आयोजन किया गया।
इस दौरान विद्यार्थियों को बाल विवाह के कानूनी प्रावधानों और दुष्परिणामों से अवगत कराया गया। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग की सुश्री दीक्षा कुशवाहा, डॉ. एकता जायसवाल, वन स्टॉप सेंटर श्रीमती शिल्पा गेहलोत, विद्यार्थीगण, स्कूलों प्राचार्य एवं शिक्षकगण उपस्थित थे।
इस दौरान टीम ने विद्यार्थियों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के प्रावधानों की जानकारी दी और बताया कि 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की तथा 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के का विवाह करवाना एक गैरकानूनी और दंडनीय अपराध है।
बच्चों को बाल विवाह के गंभीर सामाजिक, शैक्षिक और स्वास्थ्य संबंधी दुष्परिणामों के बारे में बताया गया। सभी छात्रों और उपस्थित अध्यापकगण ने इस कुरीति को समाप्त करने और समाज में जागरूकता फैलाने की शपथ ली।





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