प्रकृति खुद को संवार रही तो मानव घाट पर पवित्र जल को कर रहा प्रदूषित, जिम्मेदारों को आ रही नींद?

ओंकारेश्वर मांधाता, आकाश शुक्ला  ✍



लॉक डाउन में मोरटक्का खेड़ी घाट में नर्मदा के तटों पर प्रतिदिन बाहरी पंडितों द्वारा दशा का काम खुलेआम किया जा रहा है बाहरी पंडितों द्वारा इंदौर खंडवा अन्य ग्रामीण क्षेत्रों के लोग खेड़ी घाट में नर्मदा के घाटों पर खुलेआम दशा करवा रहे हैं। जबकि इन कार्यों पर पूरी तरीके से प्रतिबंधित है उसके बाद भी बाहरी पंडितों द्वारा दबंग तरीके से खुलेआम दशा एवं पूजा पाठ करवाई जा रही है, वही पिंड नर्मदा नदी में छोड़े जा रहे हैं जिससे नर्मदा का जल भी प्रदूषित हो रहा है नियमों को ताक पर रखकर खुलेआम लॉक डाउन का उल्लंघन कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन में नदियों ने अपना सौंदर्य स्वयं निखारा है। किसी भी इंसान के नदियों के पास न जाने से नदियों से प्रदूषण तो समाप्त हुआ ही था बल्कि नदियों में जीवन बिताने वाले जीव-जंतुओं को स्वच्छ जल भी मिल रहा था।


लॉकडाउन के बाद इंसान अपनी फितरती कलाओं से इन पवित्र नदियों के जल को प्रदूषित करने से बाज नही आयेगा। लेकिन यदि प्रशासन इनकी देखबाल ठीक से कर सकता है तो इन्हें सुरक्षित रखा जा सकता है। बहरहाल देखना यह होगा कि इस मामले में प्रशासन क्या कार्रवाई करता है ? 


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