नागरिकों ने उठाई मांग, मरीज हो रहे परेशान जल्द खोले अस्पताल !





रायसिंह मालवीय, आष्टा

40 वर्षो से अधिक समय से संचालित होने वाले नगर के प्रायवेट पुष्प कल्याण अस्पताल बंद होने से क्षेत्र के मरीज भटक रहे है। अतः अब नागरिकों ने आवाज उठाते हुए बंद हॉस्पिटल को पुनः खोलने के लिए सीहोर कलेक्टर के नाम नायब तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। 

ज्ञात रहे कि प्रायवेट पुष्प कल्याण हॉस्पिटल आष्टा के सेमनारी रोड स्थित है जहाँ विशेष रूप से जहरीले जानवरों साँप, दिवड, बिच्छू, गोयरा के काटने पर उचित उपचार किया जाता था जिसमें कई ऐसे हजारों मरीजों का उपचार कर नया जीवन दान दिया गया है और इसी जादुई उपचार के चलते यह अस्पताल में सीहोर जिले सहित अन्य दूर दूर के जिलों के वह गरीब,दिहाडी व्यक्ति जो खेत खलिहान में काम करते समय जहरीले जानवर काट लेते थे तो सिर्फ सिर्फ आष्टा के इस अस्पताल की आस रहती थी लेकिन बोते दिनों राजनीतिक दबाव में हॉस्पिटल के लाइसेंस निरस्त करने के कारण अस्पताल बंद हो गया है जिससे अब जहरीले जानवरों के शिकार मरीजों को अन्य जगह इधर उधर भटकना पड़ रहा है और ऐसे में कई लोगो को अपनी जान से हाथ धोना पड़ सकता है इसी को देखते हुए कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर उठी आवाज आज सड़को पर आ गई और नागरिको ने आष्टा तहसील में ज्ञापन सौंप अस्पताल को खोलने की मांग की । ज्ञापन के माध्यम से मांग की गई कि विगत दिनों आष्टा निवासी प्रतीक्षा शर्मा का प्रसव अवस्था में इलाज के दौरान पुष्प कल्याण हॉस्पिटल में मृत्यु हो गई थी। 

पीड़ित परिजनों व अन्य लोगों के धरना आंदोलन और राजनीतिक दबाव के कारण अस्पताल को बंद कर दिया गया । नागरिकों ने बताया कि पुष्प हॉस्पिटल में साधारण इलाज के अलावा जहरीले जानवरों जैसे सांप, बिच्छू, दिवड़ गोयरा व अन्य जंतुओं के काटने का इलाज किया जाता है इस अस्पताल में सीहोर के इलावा अन्य दूर दराज के जिलों देवास,शाजापुर,राजगढ़, जबलपुर,हरदा, इंदौर, भोपाल सहित कई जिलो,ग्रामीण क्षेत्रों के लोग इलाज करवाना आते हैं सभी सैकड़ों लोगों की जान अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा बचाई गई है। अस्पताल बंद होने से ऐसे मरीज जो जहरीले जानवर के काटने का शिकार है वह अब इलाज के लिए इधर उधर भटक रहे हैं। जिससे इलाज के अभाव में कई लोगो की मौत होगी । वही मानवीय संवेदना के आधार पर क्षेत्र के ग्रामीण, किसानों, मजदूरों की जहरीले जंतुओं से जान बचाने के लिए उसको हॉस्पिटल को खोलने के आदेश जारी किए जाएं। 

ज्ञात रहे कि  मृतक प्रतीक्षा शर्मा की मौत के मामले में धरने पर बैठे परिजनों और राजनीतिक दबाव के चलते सीहोर जिला प्रशासन ने अस्पताल के लाइसेंस को निरस्त कर दिया था जिसके बाद से सोशल मीडिया से लेकर नगर के चौक चौराहो पर अस्पताल के लाइसेंस निरस्त को लेकर नाराजगी जाहिर कर चुके थे ।

वही अब नागरिको ने अस्पताल खोलने के लिए ज्ञापन सोप भी सौंपा है देखना होगा कि अब शासन प्रशासन क्या क्षेत्र के बाशिंदों की मांगों को देखते हुए हॉस्पिटल खोलने की परमिशन देता है या राजनीतिक दबाव में नागरिकों की आवाज को नही सुना जाएगा ?

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