आपदा में सेवा का जज्बा ! भोजन रथ के बाद, प्लाट बेचकर अस्पताल को एंबुलेंस देंगे दान !



राहुल परमार, देवास। जिले में ऑक्सीजन प्लांट पर कई जनप्रतिनिधियों के द्वारा पत्रों की बौछार की गई। जनप्रतिनिधि जो देवास की सेवा में लगे रहने का ढोल पीटते रहते हैं। क्या उन्हीं के पत्रों की सुनवाई अभी तक नही हो सकी है। ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि जब से पत्र वायरल हुए हैं तब से अभी तक किसी भी ऑक्सीजन प्लांट का शुभारंभ नही हुआ है। देवास के किसी भी नगर से यह सूचना अब तक नही मिली है कि किसी भी स्थान पर ऑक्सीजन प्लांट का शुभारंभ हुआ हो। हालांकि कोविड केयर औद्योगिक क्षेत्र में जरुर एक प्लांट की बात सामने आई है। लेकिन अभी तक वह भी शुरु नही हो सका है। सेवा के इस नाकाम जज्बे और जनप्रतिनिधियों के कमजोर पत्रों या मान के चले निष्क्रिय प्रतिनिधित्व के चलते अभी तक यह कार्य धरातल पर से गायब हैं। और नेताओं के ही समर्थकों ने इन्हें सोशल मिडिया पर जारी करके खूब वाहवाही भी लूटी थी। 



इन्हीं सब के विपरीत देवास में सेवा का पर्याय भी है जो न तो किसी पत्र के लिए अपेक्षा करते हैं और न ही किसी की अनुमति की। जब सोच ही लिया कि सेवा करना है तो फिर उसमें क्या अनुमति और क्या अपेक्षा। देवास में पिछले लॉकडाउन में पूरे शहर भर में भोजन वितरण करने वाले प्रदीप चौधरी इस आपदा में अब भी देवास की सेवा में लगे हुए हैं। पिछले दिनों से भोजन रथ के माध्यम से श्री सिध्दि विनायक भक्तमंडल के संयोजक प्रदीप चौधरी जिला चिकित्सालय में रोजाना सैकड़ों लोगों को भोजन पंहुचा रहे हैं। वहीं आपदा में भोजन रथ के अलावा एंबुलेंस की आवश्यकता को देखते हुए उन्होनें अस्पताल को एंबुलेंस दान करने का भी संकल्प लिया है। 

श्री सिध्दि विनायक भक्तमंडल के संयोजक प्रदीप चौधरी ने बताया कि आगामी एक दो दिन में एंबुलेंस की डिलीवरी हो जायेगी जिसके बाद उसे हम दान कर देंगे। भोजन रथ के साथ हमने पाया कि आपदा में ईलाज के लिए एंबुलेंस भी अतिआवश्यक है। इसलिए हम अस्पताल को एंबुलेंस दान करना चाह रहे हैं। आर्थिक व्यवस्था के प्रश्न पर जवाब देते हुए चौधरी ने कहा कि आर्थिक व्यवस्था उन्होनें बालगढ़ में एक प्लाट को बेचकर की है। एंबुलेंस का खर्च लाखों में होता है जो कि किसी भी व्यक्ति के लिए आम नही होता। 

आपदा काल में सेवा का जज्बा होना एक बेहतर समाजसेवक और प्रतिनिधि की पहचान है। इन्हीं के अतिरिक्त शहर के कई तथाकथित समाजसेवक मौन होकर घरों में बैठें हैं तो कई समाजसेवक बिना किसी प्रचार के अपनी सेवा में पूर्ण निष्ठा से लगे हुए हैं। कोरोना की इस जंग में जनता आपकी सेवा को सदैव संस्मरण में रखेगी। 


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