ऐसी कैसी हड़ताल, जिम्मेदारी से मुंह मोड़ रहे कर्मचारी.... हड़तालों से शासकीय कार्य हो रहे प्रभावित ...

आए दिन हड़ताल कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे संयुक्त मोर्चा कर्मचारी ! 

भारत सागर न्यूज, देवास। आए दिन शासकीय कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल करते नजर आ रहे हैं। पिछले ही दिनों जिला चिकित्सालय की नर्सों ने मोर्चा खोलकर हड़ताल की थी, वहीं इनसे पहले पटवारी संघ ने हड़ताल कर अपनी मांगे मनवाने का भरपूर प्रयास किया था। अब प्रदेश संयुक्त मोर्चा ने हड़ताल शुरू कर दी है। इन जैसे शासकीय कर्मचारियों की हड़तालों से कोरोना जैसी महामारी से परेशान लोगों के कार्य नहीं हो पा रहे हैं। जबकि संयुक्त मोर्चे में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के पदाधिकारी से लेकर कर्मचारी मौजूद हैं। सवाल है कि अगर इन जैसे शासकीय लोग जो शासन से समस्त प्रकार से वेतन लेने में कोई झिझक नहीं रखते हैं वे इन दिनों अपनी मांगों के चलते हड़ताल पर हैं। ऐसे शासकीय कर्मचारियों को चाहिए कि हड़ताल के दौरान का वेतन भी शासन से नहीं लें, क्योंकि हड़ताल में वे किसी पीड़ित का कार्य करने से भी परहेज रख रहे हैं। ऐसे में शासकीय कार्य प्रभावित करने वालों पर कानूनी कार्रवाई भी होनी चाहिए जिससे इन्हें सबक मिल सके। हालांकि किसी भी व्यक्ति को लोकतांत्रिक व्यवस्था में विरोध करने का और अधिकारों की मांग करने का अधिकार है लेकिन जिस प्रकास से मानव ने कोरोना को झेला है और अपनों को खोया है, उस स्थिति में इनके हड़ताल करने से लगभग हर वर्ग प्रताड़ित सा हो रहा है। 


 

आए दिन शासकीय कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल शुरू कर देते हैं, इस प्रकार की हड़ताल से कितने लोग प्रभावित होते हैं, ये शासकीय कर्मचारी समझ नहीं सकते हैं। जबकि पिछले दिनों से कोरोना महामारी से पीड़ित लोगों का कार्य करना पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के कर्मचारियों की जिम्मेदारी है लेकिन ऐसे कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ रहे हैं। वहीं इस संयुक्त मोर्चे में रोजगार सहायक, सचिव जैसे पद के जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारी भी हैं जो अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह नहीं कर रहे है, सिर्फ अपनी मांगों को लेकर धरना और हड़ताल जैसे कार्य कर शासकीय कार्य को प्रभावित करते नजर आ रहे हैं। वहीं कार्य प्रभावित होने के चलते पीड़ितों को किसी प्रकार की कोई सहायता भी नहीं मिल पा रही है। ऐसे में अपनी बेबुनियादी मांगों पर अड़े कर्मचारियों ने ग्रामीण विकास विभाग का संपूर्ण कामकाज ठप्प कर दिया है। बता दें पिछले दिनों नर्सों ने अपनी हड़ताल कर दी थी उस दौरान भी कई मरीज उस हड़ताल से प्रभावित हुए थे। वहीं कुछ दिनों पहले पटवारी भी प्रशासन के विरुध्द लामबंद हुए थे, उस दौरान भी कई किसानों के कामों में व्यवधान तो हुआ ही साथ में उनके राजस्व संबंधि कार्य भी प्रभावित हुए। 

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विधायकों को ज्ञापन सौंपकर मांगा समर्थन

इधर रविवार को जिले के समस्त विधायकों के निवास पर पहुंचकर मोर्चे के लोगों ने मांग पत्र सौंपा। जिला अध्यक्ष आनंद सिंह ठाकुर एवं जिला संयोजक जतिन चौधरी ने बताया कि प्रदेशभर में संयुक्त मोर्चा के आव्हान पर चरणबद्ध आंदोलन चल रहा है। इसी के अंतर्गत पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के संपूर्ण अमले ने विधायक श्रीमती गायत्री राजे पवार, हाटपिपल्या विधायक मनोज चौधरी, कन्नौद-खातेगांव विधायक आशीष शर्मा को ज्ञापन सौंपकर संयुक्त मोर्चा ग्रामीण विकास विभाग के संपूर्ण अमले की न्यायोचित मांगों, हक और अधिकारों को पाने के लिए लंबित अनार्थिक मांगों को शीघ्र पूरा करवाने के लिए आग्रह पूर्वक समर्थन मांगा। जिस पर समर्थन व्यक्त करते हुए विधायकों ने सरकार और हाईकमान के शीघ्र संज्ञान में लाकर न्यायोचित आवाज उठाने का आश्वासन दिया। संयुक्त मोर्चा के जिलाध्यक्ष ठाकुर ने कहा कि पूरा ग्रामीण विकास विभाग का संपूर्ण कामकाज ठप्प हो गया है। जिससे अफरा-तफरी का माहौल निर्मित हो गया है। लोग रोजमर्रा के काम के लिए हितग्राही मूलक योजनाओं के लिए भटक रहे है और ग्राम पंचायतों में ताले लटके हुए है। जनपद और जिला पंचायतों में सन्नाटा है। मप्र पंचायत सचिव संगठन के प्रदेश महामंत्री धर्मेन्द्र जोशी ने कहा कि हमारी मांगो की सरकार जितनी अनदेखी करेगी आंदोलन उतना ही तेज और धारदार होगा। पूरे अमले की सब्र की इंतहा हो जाने के उपरांत आवेदन-निवेदन से थक, हार कर आक्रोशित कर्मियों ने आंदोलन का आगाज किया है।













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