कमजोर का अतिक्रमण, धनबल का बाहुबल, क्या नगर निगम कर रहा है अतिक्रमण पर कार्रवाई में पक्षपात

अतिक्रमण हटाने में हो रहा भेदभाव, छोटे व्यवसाय पर अत्याचार व उद्योगपति को छूट क्यों?




देवास। विगत दिनों देवास में प्रीमियर चौराहा, विप्पी साल्वेक्स, शांति नगर कई जगह प्रशासन का बुलडोजर चला, जिसमें दो वक्त की रोटी, रोजी कमाने वाले, गरीब दुकानदारों के आशियाना ध्वस्त कर दिया। एक बार फिर जैसे तैसे दो वक्त की रोटी रोजी कमाने व जुगत कर अपने परिवार का जीवन यापन कर रहे लोगो पर बिना किसी नोटिस हटा दिया गया।



























































 उक्त आरोप सामाजिक कार्यकर्ता एव नेशनल यूनिटी ग्रुप संस्थापक अनिल सिंह ठाकुर ने लगाते हुए बताया कि देवास के औद्योगिक क्षेत्र मधुमिलन चौराहा से प्रीमियर चौराहा, विप्पी चौराहा, शांति नगर लगभग 100 से अधिक दुकानों पर एक तरफा कार्यवाही की गई। अमीरों को राहत, गरीबों पर जुल्म किया गया। ए.के.व्ही.एन. एवं उद्योग विभाग की संयुक्त कार्यवाही के चलते अनेक उद्योगपति से सांठगांठ कर ग्रीन बेल्ट की जगह पर अतिक्रमण करवाया जा रहा है। 

 ठाकुर ने आरोप लगाया कि विप्पी साल्वेक्स द्वारा ग्रीन बेल्ट की जगह पक्का निर्माण कर साइकिल स्टेण्ड बना दिया गया। सनफार्मा, मंगला इंडस्ट्रीज, आयशर कंपनी, ग्रेब्रियल उद्योग आदि कई ने ग्रीन बेल्ट की जगह साइकिल स्टैंड तक बनकर पक्का निर्माण कर लिया है। उस ओर इनका ध्यान क्यों नहीं गया या जानबूझकर अनजान बने। आखिर क्यों छूट दी जा रही है। क्या ए.के.व्ही.एन. एवं उद्योग विभाग की नजर में क्या ये अतिक्रमण नहीं है। प्रशासन की मनमानी से फिर छोटे व्यवसायी के सामने अपने परिवार के लालन-पालन, पोषण का संकट खड़ा हो गया है। औद्योगिक क्षेत्र में प्रशासन की मनमानी से छोटे-छोटे व्यवसाय, चाय की दुकान व अन्य इस प्रकार के छोटे-मोटे कार्य कर अपनी जीविका चलाने वाले को ए.के.व्ही.एन. द्वारा बिना नोटिस जारी कर अतिक्रमण हटा दिया गया। इस क्षेत्र में छोटी-छोटी चाय नाश्ता, सैलून इस प्रकार की लगभग 100 से अधिक दुकान है जो इन दुकानों का संचालन कर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। प्रशासन द्वारा की जाने वाली कार्रवाई से कई लोग बेरोजगार हो गए और उनकी रोजी रोटी का संंकट उत्पन्न हो गया। जबकि यहां पर जो दुकान संचालित थी उनसे किसी प्रकार का यातायात या या किसी प्रकार की समस्या उत्पन्न नही हो रही थी। जबकि शहरीय क्षेत्र के मेन रोड व चौराहों पर इस प्रकार की हजारों दुकाने है जो अपना व्यवसाय संचालित कर रहे हैं, जबकि वहां पर यातायात संचालन की बड़ी समस्या है। प्रशासन उसका निदान नहीं करते हुए मात्र दिखावे के लिए ऐसे क्षेत्र को चिन्हित कर कार्रवाई कर रहा है जहां पर यातायात व अन्य किसी भी प्रकार की परेशानी की संभावना नहीं के बराबर है। ए.के.व्ही.एन. के अधिकारियों ने भेदभाव पूर्ण कार्रवाई की गई। इनके द्वारा ग्रीन बेल्ट के अतिक्रमण को नही हटाया गया। ग्रुप के सुरेश सिलोदिया, महेश मोदी, राधा बाई, समंदर सिंह मालवीय, दीपक मालवीय, गोरधन मालवीय, पप्पू डांगी, मिथुन, दीपक चौहान, रोहित दादू आदि ने प्रशासन की एकतरफा कार्यवाही का विरोध करते हुए मांग की है कि पुन: ग्रीन बेल्ट की जमीन पर कब्जा करने वाले उद्योगों पर कार्यवाही की जाए।

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