देवास जिले की पूछती है जनता! कि क्या देवास मध्यप्रदेश से अलग स्वतंत्र प्रभार जिला या राज्य है?

  • देवास जिले में अवैध व ग़ैर क़ानूनी  निडर व बे-लगाम , जुआ-सट्टा व अवैध नशीले तमादक पदार्थों सहित अवैध शराब व अवैध कारोबार से खादी  व खाकी हो रही बदनाम !
  • राजनीतिक दलालों और कुछ भ्रष्ट पुलिस कर्मियों की सरपरस्ती में अवैध कारोबार धूंआधार
  • आबकारी अधिकारियों  कि मिलीभगत का  विभाग ने ही प्रेस नोट और फोटो दिया प्रमाण।



देवास/पंडित अजय शर्मा/-। देवास  हमेशा ही टेकरी पर विराजमान दो देवियों के नाम पर , और दो राजाओं का राज् होने के नाम पर,  और देवास  आस्था व भावनाओं से जुड़ा हुआ श्रद्धा व सद्भावनाओं सहित  जनता के महानायक कैलाशवासी महाराज श्री मंत तुकोजीराव पवार के नाम तक से भी पहचाना जाता रहा है। लेकिन इसे विडंबना कहें या देवास कि बदकिस्मती कि विगत कुछेक सालों से देवास को स्थानीय जिम्मेदार राजनीतिक दलालों ने पूरे देवास जिले  को ही प्रदेश के पटल पर  अपने आप में स्वतंत्र प्रभार जिला व राज्य मानकर अवैध व गैर कानूनी व्यवसाय का हब बनाकर उभारा है। जिससे जनता के दिलों दिमाग पर नेताओं कि छवि दिनों दिन धूमिल होती जा रही है। ये दो वर्ष चुनावी वर्षों को ध्यान में रखते हुए देवास जिले कि जनता कोई निर्णय ले, इससे पहले ही  स्थानीय राजनीति के जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों और प्रशासन के जिम्मेदारों को गंभीरता से विचार कर जनहित  व शहर जिलाहित में निर्णय लेना ही न्यायोचित होगा!

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क्योंकि देवास जिले कि जनता अपने आपको व अपने परिवार और बच्चों के भविष्य को लेकर बहुत चिंतित होने लगी है। इसका मुख्य कारण देवास में तेजी से पनप रहे अवैध व गैर कानूनी कारोबारी बे-खौफ बे-धडक पूर्ण अधिकार व दादा गिरी से अपना अवैध व गैर कानूनी व्यवसाय शान से खुलेआम चलाकर  बडाते ही जा रहे हैं।बात चाहे देवास सहित लगभग पूरे  ज़िले कि पांचों विधानसभाओं में जुआ, सट्टा,हाजिर, कि हो या अवैध नशीले मादक पदार्थों गांजा,चरस, अफीम ,  ब्राउन शुगर, ड्रग्स,एमडी स्मैक का खुलेआम बिकने कि हो, या बात चाहे अवैध शराब का धड़ल्ले से शराब मन प्रितों के द्वारा गली गली मोहल्लों व होटलों,और  पान कि गुमटियां आदि में मोनू के अवैध  शराब धंधों कि हो , या  बात चाहे शासन व प्रशासन के मनमर्जी , हठधर्मिता और भ्रष्टाचार कि हो, या बात चाहे विकास के नाम पर जनता के पैसों और उम्मीद व भावनाओं और शहर में पुरानी धरोहरों के विनास कि हो, या बात चाहे स्थानीय भाजपा द्वारा ही देवास में जनता को हिन्दू मुस्लिम और मिश्रण तीन खेमें में बांटकर बिखेरने कि हो, या बात चाहे अवैध  व अनुमति विपरीत शहर के मुख्य मार्गों पर दोनों तरफ अनियमित बेतरतीब निर्माण तथा शासकीय नजूल नाले व शासकीय भूमि पर कब्जा कर अतिक्रमण कर पक्के निर्माण कार्य करने कि हो, या बात चाहे  अनुमति के विपरित व अनुमति बिना अवैध कालोनियों का बेतरतीब ढंग से बिस्तर की हो !, या बात चाहे निगम चुनाव में स्थानीय भाजपा का भाजपा से टकरावों और अवैध व गैर कानूनी कारोबारियों के सरपरस्तों को भाजपाईयों और जनता के विरोध और आपत्ति के बावजूद भी जिद्द व हठधर्मिता से टिकट देना जनता के ऊपर जबरन थोपना और  पूरी तरह समर्पित होकर जिताने से जनता अपने आप को ठगी हुई बहुत ही बदहाल व लूटी पिटि सी महसूस कर रही है।और चुनाव नजदीक आते ही ये नाराजगी का गुबार राजनेताओं पर भारी पड़ने के खुले संकेत दिखाई दे रहे हैं।,ऐसा राजनीतिक जानकारों का स्पष्ट कहना है, जो भविष्य के गर्भ में है।

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पूर्व में भी कई बार बेबाकी से समाचार प्रकाशित  कर पुलिस व शासन-प्रशासन को आगाह किया था। !,कि देवास शहर सहित जिलेभर में जुआ सट्टा,अवैध शराब, सहित गांजा,चरस,अफिम, ब्राउन सुगर, ड्रग्स एम डी तथा अवैध हथियारों का अवैध कारोबार तेजी से बड़ रहा है ! जिसपर अंकुश लगाना देवास के विकास और देवास की भोली-भाली जनता की सुरक्षा व्यवस्था सहित देवास व देश के भावी भविष्य युवाओं के उज्जवल भविष्य को संवारने आदि की  जिम्मेदारीयों को ध्यान में रखते हुए इस अवैध कारोबार पर अंकुश लगाना अति आवश्यक और न्यायोचित होगा! 

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           किंतु देवास शहर सहित जिले भर मे जुआ सट्टा, अवैध शराब सहित अवैध नशीले मादक  पदार्थो का कारोबार का बहुत बड़ा विशाल नेटवर्क है। ,इनके सरगना दलाल भी बहुत ही तुच्छ स्तर के विशाल रूप में है।ये सब सांठगांठ का कमाल है,ये राजनीतिक दलालों और  पुलिस सहित प्रशासन के कुछ तथाकथित भ्रष्ट कर्मियों की सांठगांठ व सरपरस्ती में  समाज और राष्ट्र की जड़ों को खोखला करने वाले सब  मालामाल हैं ।



देवास जिले कि पूछती है जनता! कि  क्या देवास  मध्यप्रदेश से अलग स्वतंत्र प्रभार जिला या राज्य है?

              देवास जिले में बेख़ौफ़ अवैध व गैर कानूनी कारोबारियों कि निडरता को लगाम लगाने के लिए नगरीय निकाय चुनाव निगम चुनाव में  जहां प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर गृहमंत्री तक और प्रदेश अध्यक्ष से लेकर जिला अध्यक्ष तक अवैधव गैर कानूनी कारोबारियों व उनके परिजनों तथा देश के यशश्वी प्रधान मंत्री मोदी के पुतला दहन में शामिल होने वाले और शहर प्रदेश व देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त व उनके परिजनों को भी निगम चुनाव में भाजपा टिकट नहीं देगी, ऐसा विडियो जारी कर स्थानीय जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों को  फरमान जारी किया था। प्रदेश सरकार के फरमान पर इंदौर उज्जैन में बखुबी अमल भी हुआ, लेकिन देवास के स्थानीय जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों को प्रदेशाध्यक्ष मुख्यमंत्री गृहमंत्री के फरमान से कोई सरोकार नहीं रहा।और जिनकी भाजपाइयों और आमजन ने आपत्ति दर्ज कराई उनको ही दोनों प्रमुख पार्टियों के स्थानीय जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों ने पार्टी  गाइड लाइन के विरुद्ध पार्षद का टिकट भी अपनी हठधर्मिता और जिद्द  से दिलवाई और उन विवादित पार्षद चेहरों को जिताने में पूरी जान फूंक दी।

 जो आम जनता के दिलों दिमाग में वो हठधर्मिता और जिद्द ने खुद को गुलाम महसूस करवाया। और जनता अब खुलकर सोचने व बोलकर पूछने पर मजबूर हो गई, कि क्या देवास जिला स्वतंत्र प्रभार जिला या राज्य है? क्या देवास मध्यप्रदेश के जिलों में शामिल नहीं है? क्या मध्य प्रदेश के बाकि जिलों की तरहां देवास में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री, गृहमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष के फरमान और मध्य प्रदेश के कानून कायदे देवास में लागू नहीं होते? लेकिन इसे विडंबना कहें या देवास कि बदकिस्मती कि विगत कई वर्षों से देवास को स्थानीय जिम्मेदार राजनीतिक दलालों ने पूरे देवास जिले  को ही प्रदेश के पटल पर  अपने आप में स्वतंत्र प्रभार जिला व राज्य मानकर अवैध व गैर कानूनी कारोबारियों और शहर प्रदेश व देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त संदिग्धों का  अवैध कारोबार फल-फूल रहा है।जो स्थानीय जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों और जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियों को गंभीरता से विचार कर जनहित शहर प्रदेश व देशहित में सही निर्णय लेना ही न्यायोचित होगा।

आबकारी अधिकारियों  कि मिलीभगत का  विभाग ने ही प्रेस नोट और फोटो दिया प्रमाण।

देवास सहित जिले भर में शराब का अवैध कारोबार बेखौफ फल-फूल रहा है। जो समय समय पर प्रमुख समाचार पत्रों में समाचार प्रकाशित होने के बावजूद भी आबकारी विभाग और पुलिस व प्रशासन के जिम्मेदारों और जनप्रतिनिधियों कि अनदेखी ही उनके भ्रष्टाचार में लिप्त होने का प्रमाण है।

             इतना ही नहीं बल्कि देवास जिले के सभी शराब माफियाओं ने मिलकर अपना एक सिंडिकेट के रुप में सांठगांठ ग्रुप बनाया और उसका एक सरगना वाला मोनू बना कर खुलेआम धड़ल्ले से अवैध शराब बिकवाई जा रही है और यही  सरगना आबकारी विभाग व पुलिस प्रशासन में और तथाकथित मिडिया में भी सेटिंग करता है। एक दलाल भी इसमें शामिल है जो सर्वविदित है।

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             देवास जिला कलेक्टर ऋषव गुप्ता के निर्देश एवं जिला आबकारी अधिकारी वंदना पाण्डेय के मार्गदर्शन में देवास आबकारी विभाग ने कार्यवाही कि है। जो खुद अपने आप में विभागिय मिलीभगत और भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए पर्याप्त प्रमाण है।

         आबकारी विभाग द्वारा जारी प्रेस नोट में बताया गया है कि 1 जून को आबकारी वृत्त देवास के क्षेत्र इटावा उज्जैन रोड एवं चंद्रशेखर कॉलोनी में अवैध मदीरा के विक्रय करने वालो के संदिग्ध स्थानों पर सर्चिंग की गई। जिसमें 3 प्रकरण मध्य प्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 34(1) के तहत पंजीबद्ध कर विवेचना में लिए गए, कार्यवाही में 60 पाव देशी मदिरा प्लेन जप्त कि जाकर आरोपियों को गिरफ्तार कर प्रकरण कायम किया है। इस कार्रवाई से स्पष्ट होता है कि आबकारी विभाग कि रजामंदी और भागीदारी से ही देवास सहित जिले में अवैध शराब का कारोबार फल-फूल रहा है।क्योंकि जिस इटावा क्षेत्र में जाकर चंद जगहों पर दबिश डालकर अपनी कार्यवाही को अंजाम दिया उसी इटावा क्षेत्र में लगभग 31 स्थानों पर इस प्रकार की अवैध मदिरा विक्रय की गतिविधि संचालित हो रही है, लेकिन मात्र दो तीन स्थानों पर ही कार्यवाही करना विभाग के जिम्मेदारों पर प्रश्नचिन्ह खड़े करता है। इतना ही नहीं विभाग द्वारा जारी किए गए फोटो में तो ऐसा दिखाई दे रहा है जैसा प्रत्येक आबकारी के जवान ने एक पाव शराब पकड़ने का रिकॉर्ड बनाया हो। इस कार्यवाही में आबकारी उपनिरीक्षक राजकुमारी मंडलोई एवं विजय कुचेरिया, आबकारी मुख्य आरक्षक दीपक धुरिया, बीके जैसवाल, राजाराम रैकवार, नगर सैनिक किशोर व शर्मा सम्मिलित थे। ऐसे कर्तव्यनिष्ठ अधिकारियों को तो पुरस्कृत किया जाना चाहिए आखिर उन्होंने आबकारी कार्यालय के आसपास सहित शहर भर में चल रहे अवैध डायरी वाले अड्डों को छोड़कर दूरदराज की गलियों में जाकर इतनी बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया और थोथे मुंह अपनी ही वाहवाही का प्रेस नोट भी जारी कर संदेश दिया कि इस प्रकार की कार्यवाही लगातार जारी रहेगी। अब सोचने वाली बात यह है कि अंतिम लाइन का यह जो संदेश दिया है, वह आखिर किन लोगों के लिए और क्यों दिया है? 

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वैसे भी महीना बदल गया है 2 जून की रोटी के लिए तो सबको मेहनत करना ही पड़ती है और युं भी ये सरकारी जिम्मेदार अधिकारी है इनके कंधों पर बड़ी जिम्मेदारियां है, ये उस जिम्मेदारी का निर्वाह करें या सत्ताधारी राजनीतिक संरक्षक दलालों के  चल रहे अवैध शराब के अड्डों पर कार्यवाही करें?







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