सोनकच्छ विधानसभा के गांव में असफल रहे प्रत्याशी और प्रशासन, मात्र 3 वोट पर सिमटा मतदान !

  • ग्रामीणों ने किया मतदान का बहिष्कार
  • कलेक्टर ने भी मनाया लेकिन नही माने ग्रामीण 
  • विकास और परिसीमन की बात को लेकर अड़े ग्रामीण
  • बहिष्कार के चलते 3 वोट ही डले मतदान में


जिले में जहां एक और 80 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ है वहीं जिले की एक विधानसभा ऐसी भी है इसके गांव में मात्र तीन वोट ही डल सके हैं। जिले की सोनकच्छ विधानसभा के अंतिम गांव ग्राम डींगरोदा में ग्रामीणों ने  चुनाव का बहिष्कार कर दिया जिसके चलते 6 बजे तक सिर्फ 3 वोट ही डाले गए। ये तीन वोट भी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका और चैकीदार के बताये जा रहे हैं। गौरतलब है कि ग्राम पंचायत डिंगरोदा में 3 गांव आते हैं जिनमें ग्राम सौंसर व मेरुखेड़ी भी शामिल है। इनमें ग्राम डिंगरोदा के ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार किया। वैसे तो गांव में कुल मतदाता 637 है। जिसमे से सिर्फ 3 लोगो ने ही मतदान किया। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में किसी प्रकार से कोई विकास नहीं हुआ है। 3 जिलों के बीच में फंसा यह गांव अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक परिसीमन नही हो जाता तब तक इसी प्रकार आगे भी चुनाव का बहिष्कार करेंगे। हालांकि ग्रामीणों को मनाने के लिए जिला प्रशासन ने कोशिश की लेकिन नाराज ग्रामीणजन अपनी मांगों पर अड़े रहे। ग्रामीणों का कहना था कि वो काफी समय से जिला मुख्यालय के चक्कर लगा रहे हैं, उन्हें किसी ने लिखित में नही दिया वरना वे लोग वोट जरुर करते । चुनाव के बहिष्कार के पूर्व से ही जिला प्रशासन ग्रामीणों से अनुनय विनय कर रहा था। एडीएम ने गांव में पंहुचकर समझाईश दी, उसके बाद जिला कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने भी ग्रामीणों से फोन पर चर्चा की लेकिन बात नही बन सकी। 


कुल मिलाकर प्रत्याशियों और प्रशासन की असफलता के चलते सैकड़ों मतदाता अपने मत का प्रयोग करने नही गए। यदि कोई प्रत्याशी अथवा प्रशासन समय पर ग्रामीणजन की सुन लेता और उन्हे मना लेता तो शायद यह मतदाता अपने अधिकार का प्रयोग करने से नही चूकते। फिलहाल देखना होगा कि इस सीट पर हार जीत का अंतर कहा तक जाता है और इन वोटों से कितना असर इस प्रक्रिया पर पड़ सकता है ?


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