किसानों की भावांतर योजना को लेकर बैठक — सरपंचों ने जताई नाराजगी




भारत सागर न्यूज/खाचरोद/संजय शर्मा। तहसील कार्यालय में शुक्रवार को भावांतर योजना के संबंध में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें क्षेत्र की सभी 130 ग्राम पंचायतों के सरपंच शामिल हुए। बैठक में एसडीएम नेहा साहू, सीईओ गिरिराज शर्मा सहित जनपद के कई अधिकारी उपस्थित रहे।




सीईओ गिरिराज शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा किसानों के हित में भावांतर योजना लागू की गई है, ताकि जिन क्षेत्रों में फसलों की स्थिति ठीक नहीं है, वहां के किसानों को राहत दी जा सके। उन्होंने कहा कि जिन ग्राम पंचायतों में फसलें प्रभावित हुई हैं, उन्हें योजना के दायरे में शामिल किया जाएगा।




हालांकि, बैठक के दौरान कई सरपंचों और प्रतिनिधियों ने सरकार की इस योजना पर नाराजगी जाहिर की। उनका कहना था कि भावांतर योजना केवल दिखावा है, क्योंकि खाचरोद तहसील के अधिकांश गांवों में फसलें पूरी तरह नष्ट हो चुकी हैं। किसानों को मुश्किल से 30 से 40 किलो सोयाबीन ही प्राप्त हुआ है।




एक सरपंच प्रतिनिधि ने कहा —

“जब खेतों में फसल ही नहीं बची, तो भावांतर योजना का क्या मतलब? सरकार को सर्वे करवाकर किसानों को मुआवजा देना चाहिए, न कि ढोंग करना।”

किसानों ने मांग की कि सरकार जमीनी हकीकत देखते हुए वास्तविक राहत राशि प्रदान करे, ताकि ग्रामीण क्षेत्र के किसानों को इस कठिन परिस्थिति में सहारा मिल सके।

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