ग्रीष्मावकाश कटौती सेे शिक्षकों में रोष

 


देवास। म.प्र्र.शि. संघ जिला देवास द्वारा शासन से यह मांग की गई कि शिक्षकों के लिये विद्यालय 10 जून से प्रारंभ कर दिए गए हैं जबकि बच्चे 24 जून से विद्यालय आएंगे। छात्रों के बिना शिक्षकों का विद्यालय मे उपस्थित रहने का औचित्य समझ से परे है। विद्यालयों में पेयजल, विद्युत पंखे, आदि की व्यवस्था न होने से भीषण गर्मी के प्रकोप से शिक्षकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ेगा जिसका उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। शिक्षकों को ग्रीष्मावकाश तो शासन द्वारा घोषित किया जाता है किंतु उसका पूर्ण लाभ शिक्षकों को नहीं मिल पाता है क्योंकि अवकाश अवधि में भी कई कार्य शिक्षकों को करना पड़ते हैं। इस वर्ष तो लोकसभा निर्वाचन होने से 23 मई तक तो मुख्यालय छोडना ही नहीं था। शिक्षकों के साथ अन्याय होता है न तो उन्हें अर्जित अवकाश मिलता है और न ही ग्रीष्मावकाश। म.प्र. शि. संघ प्रांतीय संगठन मंत्री देवकृष्ण व्यास, संभागीय कोषाध्यक्ष उदलसिंह परमार, जिलाध्य शिवेश शर्मा, सचिव मोहनदास बैरागी, कोषाध्यक्ष कमलकांत मेहता, दीपक शुक्ला, यशवंत तारे, भूपेन्द्र माली, बसंत व्यास, अर्जुनसिंह राठौर, भगवानदास मेहता, रमेश शर्मा, मयंक दुबे, राकेश परिहार, ऐश्वर्य मिश्रा, वासुदेव शर्मा, राधेश्याम सोलंकी, गोरधन शर्मा, श्रवण जोशी, बहादुरसिंह उदाना, महेन्द्र कुमार नाईवाल, शिवनारायण शर्मा, अरूण शर्मा, कमलसिंह मालवीय, योगेन्द्रसिंह चौहान आदि ने उक्त आदेश निरस्त कर छात्रों के साथ ही शिक्षकों को भी 24 जून से ही विद्यालय में उपस्थित होने हेतु आदेशित करने का अनुरोध किया है। जिससे सभी शिक्षक आगामी शिक्षा सत्र में नई ऊर्जा एवं उत्साह के साथ कार्य कर देश के भविष्य को संवार सके। 


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