किर्लोस्कर सोसायटी में हुए गबन के आरोपी को तीन साल का सश्रम कारावास
आरोपी के विरूद्ध 10 हजार का जुर्माना अथवा 6 माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास
देवास। किर्लोस्कर कामगार सहकारी साख संस्था के प्रबंधक बाबुलाल पिता हरिशंकर रावल द्वारा पद पर रहते हुए संस्था में अनियमितता, गबन-घोटाला का अपराध किया गया था। कम्पनी द्वारा संस्था के प्रबंधक पद पर नियुक्ति से लेकर वर्ष 2007 तक आरोपी बाबुलाल रावल द्वारा लाखो रूपये की हेराफेरी कर संस्था के सदस्यों को आर्थिक नुकसान पंहुचाया गया। आरोपी के विरूद्ध फरियादी तत्कालीन संस्था उपाध्यक्ष नंदकिशोर यादव द्वारा सिटी कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज करवाई गई थी। फरियादी की रिपोर्ट पर कोतवाली थाने में आरोपी के विरूद्ध भादवि की धारा 408, 420, 467, 468, 471 में प्रकरण दर्ज किया गया था। तभी से आरोपी बाबुलाल के विरूद्ध चतुर्थ अपर सत्र न्यायालय में प्रकरण चल रहा था। इस दौरान सजा के भय से आरोपी प्रबंधक बाबुलाल रावल द्वारा हायकोर्ट से अग्रिम जमानत भी ली गई थी। उपरोक्त प्रकरण में विद्वान न्यायाधीश चतुर्थ अपर सत्र श्री विकास भटेले द्वारा समस्त सुनवाई, फरियादी एवं गवाहों के बयानों के आधार पर फैसला सुनाते हुए आरोपी बाबुलाल रावल को तीन साल का सश्रम कारावास का फैसला सुनाया गया। इसके अतिरिक्त 10 हजार रूपये का अर्थदंड अथवा 6 माह के अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा भी दी गई है। उपरोक्त प्रकरण के लिए मप्र शासन द्वारा विशेष स्वीकृति के पश्चात विद्वान अभिभाषक अशोक वर्मा द्वारा किर्लोस्कर सोसायटी की ओर ेसे पैरवी की गई। न्यायालय के इस फैसले से किर्लोस्कर कामगार सहकारी साख संस्था के सदस्यों में हर्ष व्याप्त है।
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