नवजात शिशु के वजन के बाराबर की निकाली गठान ,तीन डॉक्टरों ने मिलकर किया सफल आपरेशन, महिला की जान बची
देवास। आधुनिक दौर में स्वास्थ्य के प्रति सजगता को लेकर इतने जागरूक प्रचार प्रसार के बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं पेट के छोटे मोटे दर्द को लेकर लापरवाही रखती हैं। झोला छाप डॉक्टरों से दर्द की दवाई लेकर अपने पेट में पल रहे रोग की ओर ध्यान नहीं देने का परिणाम जीवन और मृत्यु के बीच में खड़ा कर लिया जाता है। ऐसा ही वाकया सामने आया जब ग्राम महाकाल सुनवानी की 40 वर्षीय महिला कृष्णा बाई पति विष्णु प्रसाद पटेल को अचानक पेट में जोरों का दर्द होने लगा तो देवास के निजी नर्सिंग होम में दिखाया गया। डॉक्टर ने सोनोग्राफी करवाई तो पता चला कि बच्चादानी एवं अण्डकोष में 20 से अधिक गठानें है। डॉक्टरों ने देवास में आपरेशन होना असंभव बताया तथा इंदौर जाने की सलाह दी। गरीब परिवार के लिये इंदौर में इलाज करवाना चिंता का विषय रहता है। तब कृष्णा बाई ने श्रीराम नर्सिंग होम में डॉ. चारू तिवारी को दिखाया। डॉ. चारू तिवारी ने सभी जांचे करवाकर अन्य डॉक्टरों की सलाह लेकर 13 जून को डॉ. अशोका पंचोली, डॉ. कामिनी डोर के साथ उक्त महिला का सफलतापूर्वक आपरेशन किया। दो घंटे चले इस आपरेशन से महिला की बच्चादानी और अंडकोश से 20 से अधिक ठोस एवं सख्त गठानों को निकाला गया। जिनका वजन एक नवजात शिशु के बाराबर लगभग 3 से 4 किलो की गठानों को निकाला जिसे जांच के लिये भेजा गया। बहरहाल महिला कृष्णा बाई स्वस्थ है। महिला के पति विष्णु पटेल ने बताया कि सामान्य खर्च में देवास में ही सफल आपरेशन के कारण हम बडे नर्सिंगहोमों की लूट का शिकार होने से बच गए। श्रीराम हास्पिटल के संचालक डॉ. विजय कुलकर्णी ने उक्त जानकारी देते हुए बताया इस तरह के केस को लेकर उनका आपरेशन करना एक बड़ी चुनोती होती है किंतु डॉक्टरों की पूरी कोशिश होती है कि मरीज जल्द से जल्द ठीक हो जाए। डॉ. चारू तिवारी, डॉ. अशोका पंचोली, डॉ. कामिनी डोर ने मरीज का परीक्षण कर सही समय पर सफल आपरेशन कर कृष्णाबाई की जान बचाई ।
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