#Shame ! CM के गृह जिले में PM आवास योजना के बद से बद्दतर हालत, कई गरीब परिवार वंचित ?

  • ◼️अंत्योदय राशन कार्ड धारी पात्र हितग्राहियों से रुपये भी ले लिए सरपंच, सचिव ने ,फिर भी नही दिया योजना का लाभ
  • ◼️तीन साल से अधूरे पड़े आवास, अब तक नहीं डाली राशि
  • ◼️65 परिवारों के लोग आवास योजना के इंतजार में





सीहोर/ राय सिंह मालवीय 

आष्टा: कहने को तो सीहोर जिला मुख्यमंत्री का गृह जिला है. पर यहां सरकारी रहनुमा दिया तले अंधेरा वाली कहावत को चरितार्थ कर रहे है ।  मामला आष्टा जनपद पंचायत के कुरली पंचायत का है जहां गरीबो के हक अधिकार पर जबरदस्त डाका डाला गया है । 

ग्रामीण क्षेत्रों में बद्दतर हालत

देखने मे आ रहा कि आवास योजना की बद्दतर हालत ग्रामीण क्षेत्रों की है, जहां पात्र हितग्राही योजना का लाभ लेने के ग्राम पंचायतों, सरपंच सचिवों के चक्कर लगाने पर मजबूर है।  और तो इन सरपंच, सचिवों ने इन भोलेभाले गरीब ग्रामीणों से आवास योजना का लाभ देने की एवज में रिश्वत रूपी रुपये भी ले लिए लेकिन इसके बावजूद इन गरीब लोगों को आज तक आवास योजना का लाभ नही मिला । एक तरफ देखा जाय तो प्रतिवर्ष केंद्र व प्रदेश सरकार लाखों रुपये खर्च कर गृह प्रवेश कार्यक्रम का आयोजन करती है, लेकिन इस दौरान पात्र हितग्राहियों को योजना में शामिल करने के लिए कोई दिशा निर्देश जारी नहीं होते, जिससे आज भी हजारों गरीब कच्चे मकानों में निवास करने पर मजबूर है।



इस गांव के लोग वंचित है आवास योजना से 

कहने को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गृह जिला है लेकिन सरकारी सिस्टम की लापरवाही के चलते यह सरकारी योजनाए धरातल पर पहुंच नही पा रही ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी योजना PM आवास योजना का तो सीहोर जिले की आष्टा जनपद पंचायत के ग्रामीण क्षेत्रों में बुरे हालत है ।

आष्टा मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूरी पर क़ुर्ली ग्राम पंचायत के वन ग्राम निमावरा है इस गांव की जनसंख्या 450 के लगभग है   इस गांव में इतने बुरे हालत है कि आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति जो दिहाडी मजदूरी करते है वो झोपड़ियों में रहने को मजबुर है क्योंकि इन लोगों को अभी तक प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल पाया है।इस गांव के गरीब परिवारों के लोग अपना व परिवार का पेट भरने के लिए मेहनत मजदूरी करने जाते हैं ।यह तक कि पलायन करके जैसलमेर राजस्थान में काम करने जाते हैं।

सभी अंत्योदय राशन कार्ड धारी,घोर लापरवाही

इस दौरान जो जानकारी मिल रही है वो बड़ी चौकाने वाली है दअरसल इस गांव में अधिकतर लोगों के अंत्योदय राशन कार्ड बने है जो अति गरीबी के श्रेणी में आते हैं जिनके तहत यह सभी ग्रामवासी प्रधानमंत्री आवास योजना सहित उन सभी योजनाओं की पात्रता में शामिल होते हैं जो गरीबो के लिए बनाई गई है लेकिन सरकारी सिस्टम की विफलता कहे या सरपंच सचिवों की बड़ी लापरवाही जिसके तहत इन अंत्योदय राशन कार्ड धारियों को भी इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा ।

पीड़ा बताते हुए मीडिया के सामने रो पड़ी विधवा महिला

इसी गांव की रहने वाली कृष्णा बाई का के पति का स्वर्गवास काफी समय पहले हो चुका है कृष्णा बाई का  कहना है कि मैं अकेली रहती हूं ओर मेरा एक छोटा सा लड़का है जो काम करने जाता है सरपंच सचिव से कहते हैं तो कुटी का तो बोलते हैं आएगी,आएगी लेकिन अब तक नही आई और तो उनको  ₹2000 रुपये भी दे दिए लेकिन उसके बाद भी आवास योजना का लाभ नहीं मिला इस बीच कृष्णाबाई मीडिया से बात करते हुए रो देती है कृष्णाबाई भी मजदूरी करती हैं

अधूरा पड़ा मकान, तीन साल पहले डाली थी पहली किस्त

इसी गांव के राजन को आवास योजना का लाभ तो मिला लेकिन अधूरा ।

दअरसल राजन बताते है कि उनके पिता जी के नाम से 3 साल पहले आवास मिला था जिसकी पहली किस्त आई थी उसके बाद से अब तक 3 वर्ष बीतने के बाद भी बाकी क़िस्त राशि नही डाली है इस कारण तीन वर्षो से आवास अधूरा पड़ा हुआ है और तो और जेब से रुपये लगा चुके है ।

राशन कार्ड भी नही बना, अंधेरे में रहने को मजबूर

इसी तरह ग्राम की बुजुर्ग महिला ललिता बाई बताती है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र सब के घर बना रहे है लेकिन हमारे घर क्यो नही बना रहे है अंधेरे में झोपड़ी में रहने को मजबूर है राशन कार्ड भी नही है सरपंच सचिव सिर्फ दिलाशा देते है बारिश में घरों के अंदर पानी भर जाते है ललिता बाई ने मांग की है कि राशन कार्ड भी बनना चाहिए और मकान भी ।


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