Dewas - नौ दिवसीय शारदीय नवरात्री पर्व आरंभ हुआ, पहले ही दिन रही श्रद्धालुओं की भीड़ ...

विश्व प्रसिद्ध है, देवास में चामुण्डा व तुलजेश्वरी माता 


  

भारत सागर न्यूज, देवास। देवों का वास माना जाने वाला देवास शहर जहां प्रसिद्ध चामुण्डा माता व तुलजेश्वरी माता का स्थान पहाड़ी पर बना हुआ है। वैसे पौराणिक गाथा को माने तो कहा जाता है कि माता टेकरी पर पहाड़ों के बीच से दोनों माताओं की छवि प्रकट हुई थी। जिस पर तत्कालीन देवास महाराज ने यहां पर लगभग एक जमाने पूर्व विरान जंगल की टेकरी पर माता जी के मंदिर का निर्माण करवाया था। पूर्वानुकाल से लेकर अब तक देवास शहर में माता टेकरी विश्व प्रसिद्ध हो गई है। यहां पर नाथ संप्रदाय ने माता जी की सेवा व पूजन का कार्य पूर्व कालीन समय में आरंभ किया था। जो अब तक जारी है, इसी के साथ यहां पर कई प्रकार की मान्यताऐं आज भी श्रद्धालुओं को प्रतिदिन अपनी और आकर्षित करती है। विश्व प्रसिद्ध माता टेकरी के नीचे की ओर संपूर्ण रूप से देवास शहर रचा व बसा है। आज भी मान्यताऐं है की नौ दिवसीय चैत्र माह की नवरात्री में कई प्रकार से धार्मिक अनुष्ठान, हवन, पूजन कर मन की हर प्रकार से इच्छाऐं पूरी होती है। वहीं आज से शारदीय नवरात्री पर्व मनाया जाना है, जिसको लेकर मंदिर प्रशासन व जिला प्रशासन की सभी तैयारीयाँ संपूर्ण हो चुकी है। वैसे आज पहले ही दिन से श्रद्धालुओं की काफी भीड़ रही थी। हांलाकि पिछले दो वर्षों में माताजी के नवरात्रि पर्व पर दर्शन नहीं हो पाए थे, जिसके चलते अब श्रद्धालुओं के आस्था का सैलाब उमड़ गया है और माताजी के दर्शन के लिए लोग टेकरी पर जा रहे थे। 





जगत प्रसिद्ध माता टेकरी पर स्थित माँ भवानी का यह मंदिर काफी प्रसिद्ध है। लोक मान्यता है कि यहाँ देवी माँ के दो स्वरूप अपनी जागृत अवस्था में हैं। इन दोनों स्वरूपों को छोटी माँ और बड़ी माँ के नाम से जाना जाता है। बड़ी माँ को तुलजा भवानी और छोटी माँ को चामुण्डा देवी का स्वरूप माना गया है। शहर में पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माँ चामुण्डा की टेकरी जो हजारों वर्षों पूर्व से प्राकृतिक रूप से बनी हुई थी। यहां पर पहाड़ों के बीच माता जी की छवि स्वयं ही बनकर सामने प्रकट हुई थी तब से लेकर अब तक मौजूदा मंदिर में अंदर से पहाड़ों के बीच माता जी का छवि दिखाई पड़ती है।

इस बार नहीं होगा प्रसाद का आदान प्रदान

टेकरी पर भक्तों को माता चामुंडा छोटी माता और मां तूलजा भवानी बड़ी माता के दर्शन होते हैं। भक्त माता के 9 दिन 24 घंटे दर्शन कर सकेंगे, हालांकि गर्भगृह में नो एंट्री है। नवरात्र के एक दिन पहले अमावस्या को माता चामुंडा का श्रृंगार किया गया। सुरक्षा की बात करें तो सीढ़ी द्वार, रपट मार्ग पर विशेष चेकिंग के बाद भक्तों की एंट्री मिलेगी। मंदिर की खास बात यह है कि यहां पर शाम को पहले बड़ी माता की आरती होती है। सुबह छोटी माता मंदिर में पहले आरती होती है। कोरोना महामारी को देखते हुए मंदिर पर कोई प्रसाद का आदान प्रदान नहीं होगा। माता टेकरी पर आने वाले दर्शनार्थियों के लिए किसी भी प्रकार की कोई पाबंदी नहीं है। अधिक भीड़ रही तो कुछ जगह दर्शनार्थियों को भीड़ कंट्रोल करने के लिए रोका जा सकेगा। कोरोना का पालन अनिवार्य रहेगा।



दोनों बहनों का रिश्ता

पौराणिक गाथा के अनुसार यहाँ के पुजारी बताते हैं कि बड़ी माँ और छोटी माँ के मध्य बहन का रिश्ता था। एक बार दोनों में किसी बात पर विवाद हो गया। विवाद से क्षुब्द होकर दोनों ही माताएँ अपना स्थान छोडक़र जाने लगी। बड़ी माँ पाताल में समाने लगीं और छोटी माँ अपने स्थान से उठ खड़ी हो गईं और टेकरी छोडक़र जाने लगी। माताओं को कुपित देख माताओं के साथी हनुमानजी और भेरूबाबा ने उनसे क्रोध शांत कर रुकने की विनती की। इस समय तक बड़ी माँ का आधा धड़ पाताल में समा चुका था। वे वैसी ही स्थिति में टेकरी में रुक गई। तब से बड़ी माता के दर्शन केवल धड़ का ही होता है। वहीं छोटी माता टेकरी से नीचे उतर रही थी। वे मार्ग अवरुद्ध होने से और भी कुपित हो गईं और जिस अवस्था में नीचे उतर रही थीं, उसी अवस्था में टेकरी पर रुक गई।

दो वंश की अलग-अलग.........

मान्यताओं के मान से कहा जाता है की आज भी माताएँ अपने इन्हीं स्वरूपों में विराजमान हैं। यहाँ के लोगों का मानना है कि माताओं की ये मूर्तियाँ स्वयंभू हैं और जागृत स्वरूप में हैं। सच्चे मन से यहाँ जो भी मन्नत माँगी जाती है, हमेशा पूरी होती है। इसके साथ ही देवास के संबंध में एक और लोक मान्यता यह है कि यह पहला ऐसा शहर है, जहाँ दो वंश राज करते थे- पहला होलकर राजवंश और दूसरा पवार राजवंश। बड़ी माँ तुलजा भवानी देवी होलकर वंश की कुलदेवी हैं और छोटी माँ चामुण्डा देवी पवार वंश की कुलदेवी। टेकरी में दर्शन करने वाले श्रद्धालु बड़ी और छोटी माँ के साथ-साथ भेरूबाबा के दर्शन अनिवार्य मानते हैं। नवरात्र के दिन यहाँ दिन-रात लोगों का ताँता लगा रहता है। इन दिनों यहाँ माता की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।

निगम ने की सफाई, प्रकाश, पीने के पानी एवं अग्निशमन वाहन की व्यवस्था 

शारदीय नवरात्री पर्व पर माताजी के दर्शन हेतु आने वाले श्रद्धालुओ के आने जाने की सुविधाओ को लेकर आयुक्त विशालसिंह चौहान द्वारा आहूत बैठक में अधिकारियो को दिये गये निर्देशानुसार की जाने वाली व्यवस्थाओ में सडक़ व पथ मार्गो मक्सी रोड, मेन बस स्टेण्ड, मण्डुक पुष्कर तालाब, रानीबाग टंकी के पास, गजरा गियर्स चौराहा, ऐरिना रोड थाने के सामने एवं धुनी के सामने के साथ ही माताजी टेकरी पर प्रसादालय के पास, कालिका माता मंदिर पर, बडी माता मंदिर, खोखो माता मंदिर, अन्नपूर्णा माता मंदिर, छोटी माता मंदिर के पास, सीढी मार्ग पर प्रथक-प्रथक स्थानो एवं बाबा की कुटिया स्थान पर, धुनी मार्ग, रपट मार्ग, जैन मंदिर इन सभी स्थानो पर नल पाईंटो एवं वाटर कुलर की व्यवस्था शुद्ध पेयजल हेतु की गई। माताजी टेकरी से जुडने वाले मेन सडक व पथ मार्गो पर प्रकाश व्यवस्था, संपूर्ण माता टेकरी एवं सडक़ मार्गो पर सफाई व्यवस्था में दिन एवं रात्रीकालिन सफाई मित्रो की ड्युटी लगाई जाने के साथ ही शहर के मुख्य मार्ग विकास नगर से लेकर रसुलपुर चौराहे तक अस्थाई अतिक्रमण हटाया गाया। माता टेकरी तथा शंख द्वार एवं सीढी द्वार पर छोटे फायर वाहन की समुचित व्यवस्थाओ के साथ विभागवार कर्मचारियो की ड्युटी लगाई गई।


Comments

Popular posts from this blog

मध्यप्रदेश की विधानसभा के विधानसभावार परिणाम .... सीधे आपके मोबाइल पर | election results MP #MPelection2023

हाईवे पर होता रहा मौत का ख़तरनाक तांडव, दरिंदों ने कार से बांधकर युवक को घसीटा

मध्य प्रदेश ग्रामीण बैंक मे प्रबंधक एवं अधिकारीयो ने दिया ईमानदारी का परिचय