बिना नोटिस दिये निकाले जाने और मारपीट के मामले में प्रकरण के बाद कंपनी का पक्ष भी आया सामने !

भारत सागर न्यूज, देवास । पिछले दिनों यमुना नगर स्थित आईटी ग्रीक्स कंपनी में एक युवक को कंपनी प्रबंधन द्वारा बिना नोटिस दिए 10 जनवरी को नौकरी से निकाल देने के संबंध में मामला सामने आया था । उस मामले में युवक के अनुसार नौकरी ज्वाइन करते समय 90 हजार रुपए एडवांस ले रखे थे जिन्हें लौटाने व उसके द्वारा कंपनी को दिए गए चेक लेने वाला था। इसी बात को लेकर पिछले दिनों विवाद की स्थिति सामने आई थी। मामले में युवक रितीक ने कंपनी के कुछ लोगों के खिलाफ मारपीट सहित अन्य घाराओं में प्रकरण सिविल लाइन में दर्ज करवाया था। मामले में रविवार को सिविल लाइन पुलिस ने पांच आरोपियों राहुल सिंह परिहार, कृष्णा यादव, राहुल यादव, मनीष प्रताप सेंगर और राहुल सिंह परिहार का बॉडीगार्ड के खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज करके जांच शुरू की थी। 



    इसी प्रकरण में कंपनी के ओर से भी एक प्रेस नोट जारी किया गया जिसके अनुसार रितीक द्वारा कंपनी का नाम खराब करने की बात कही गई है। आईटी गीक्स के पीआरओ वाटसन वाघेला ने बताया कि जिन व्यक्ति ने यह प्रकरण दर्ज करवाया है, उन्होनें सबसे पहले तो मीडिया को भ्रमित किया। रितीक चौधरी ने मीडिया को बताया कि कंपनी ने उन्हें बिना नोटिस दिये निकाल दिया । इस विषय में कंपनी का पक्ष है कंपनी द्वारा रितीक को दिनांक 10 जनवरी 2023 को टर्मिनेशन लेटर देकर निकाला गया था जिस पर रितीक चौधरी के प्राप्ति के साथ हस्ताक्षर भी हैं। उक्त दस्तावेज इस प्रेस नोट के साथ संलग्न है। रितीक चौधरी को टर्मिनेट करने का कारण भी हम स्पष्ट करते हैं कि रितीक चौधरी द्वारा कंपनी में काम करने के दौरान दिनांक 16 दिसंबर 2022 को एक ग्राहक के साथ डेटा ब्रीचिंग का काम किया था। आम भाषा में इसे डेटा चोरी करना कहा जाता है । इसमें ग्राहक की गोपनीय व आंतरिक जानकारी होती है, जो किसी भी स्थिति में कहीं भी प्रेषित करना या इस जानकारी के साथ छेड़खानी करना गलत होता है। रितीक ने मीडिया को यहां भी भ्रमित किया कि उसने कंपनी ज्वाइन करते समय ही 90000 रुपये एडवांस लिये थे । जबकि इसमे कंपनी का पक्ष यह है कि उक्त व्यक्ति द्वारा दिनांक 26 अक्टूबर 2022 को यह पैसा दिया गया था और यह पैसा इनके द्वारा लोन के तौर पर कॉलेज फीस भरने के लिये लिया गया था। इस संबंध में रितीक चौधरी द्वारा कंपनी में आवेदन दिया गया था कि उनके घर में कोई भी कमाने वाला सदस्य नही है, इसलिये वह फीस भरने में असमर्थ है। उनकी शैक्षणिक सहायता के लिये कंपनी ने उन्हें एडवांस सैलरी के रुप में 90000 रुपये दिये थे। इसमें कंपनी यह भी स्पष्ट कर देना चाहती है कि उक्त व्यक्ति ने कंपनी में दिनांक 01 अक्टूबर 2021 में जॉइन किया था और इन्हें दी गई एडवांस सैलरी इनकी जॉइनिंग के 1 वर्ष बाद दी गई है। हमारी कंपनी हमेशा ही हमारे कर्मचारियों की सहायता करते आई है। पिछले 7 वर्षों से कंपनी ने अपनी साख बनाकर रखी है और लगातार माननीय प्रधानमंत्री जी की महत्वाकांक्षा के अनुरुप वोकल फॉर लोकल के लिये कार्य कर रही है। इस राशि को लौटाने में रितीक चौधरी असमर्थता स्वयं समझ रहे थे। संभवतः रितीक चौधरी उक्त राशि को न लौटा सकने के लिये कंपनी का नाम खराब करने के उद्देश्य से झूठी शिकायत कर बदनाम कर रहा है। कंपनी के किसी भी कर्मचारी द्वारा रितीक के साथ मारपीट नही की है और न ही कोई कर्मचारी रितीक के घर गया है। उक्त व्यक्ति शराब पीकर उल्टे कंपनी में आकर विवाद कर रहा था और कहीं अन्यत्र से विवाद कर आया था। इसकी सूचना भी हमारे द्वारा थाना औद्योगिक को दी गई थी जिस पर थाना औद्योगिक क्षेत्र द्वारा एनसीआर रिपोर्ट दर्ज की गई है। यह समस्त जानकारी रितीक द्वारा मीडिया तथा पुलिस को भ्रमित करने के उद्देश्य से दी गई है। इससे कंपनी का नाम भी खराब हुआ है, इसलिये कंपनी रितीक पर कानूनन सहायता से उचित कार्यवाही तथा मानहानि भी करेगी। कंपनी के इस प्रेस नोट में सम्बंधित दस्तावेजों को भी जोड़ा गया है।  







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