रेल यात्री चलती ट्रेन हुआ बेहोश , कोच कंडक्टर-टीटी ने से बचाया !

भोपाल - हजरत निजामुद्दीन से मुलताई के बीच 12722 दक्षिण एक्सप्रेस से यात्रा कर रहा एक यात्री रेल कर्मियों को अपनी बर्थ पर अचेत अवस्था में मिला। पहले तो रेल कर्मियों ने रेलयात्री को उठाने का प्रयास किया, लेकिन जब यात्री ने कोई हरकत नहीं की तो तत्काल भोपाल में घटना की सूचना दी। रेलकर्मियों की सूझबूझ से यात्री को भोपाल आने के पहले ही इलाज मिल गया, अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद यात्री अपने घर मुलताई के लिए रवाना हो गए।मंगलवार 28 फरवरी को दक्षिण एक्सप्रेस में ड्यूटी के दौरान कोच कंडक्टर पीयूष हरायन को कोच बी-1 में बर्थ नंबर तीन पर एक यात्री बेहोश मिला। पीयूष ने तुरंत चार्ट देखा, जिसमें जानकारी मिली कि महेश बोबड़े निजामुद्दीन से मुलताई जा रहे हैं। इसी बीच ट्रेन में यात्रा कर रहे महेश के एक मित्र फोन पर संपर्क न हो पाने के कारण बीना स्टेशन पर महेश को देखने आए। उन्होंने और टीटीई ने भी महेश को जगाने का प्रयास किया, लेकिन कोई प्रतिक्रिया न होते देख ट्रेन के गंज बासौदा से निकलते ही टीटीई कमर्शियल कंट्रोल भोपाल को सूचना देकर विदिशा स्टेशन पर डाक्टर और एंबुलेंस की व्यवस्था करने को कहा।ट्रेन के विदिशा पहुंचते ही डिप्टी एसएस व आरपीएफ के जवानों ने बेहोश यात्री को गाड़ी से उतारकर इलाज के लिए एम्बुलेंस से अस्पताल भेजा। रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार इलाज के बाद यात्री को होश आ गया और अस्पताल से छुट्टी लेकर वे अपने घर मुलताई के लिए रवाना हो गए। कोच कंडक्टर, टीटीई और अन्य रेल कर्मियों की सूझबूझ से महेश को समय पर इलाज मिलने से उनकी जान बच गई। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद यात्री द्वारा टीटीई को फोन कर रेल प्रशासन की प्रशंसा की गई। उन्होंने कहा कि रेल कर्मियों द्वारा समय पर सहायता नहीं मिलती।



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