सहकारी समिति कर्मचारी करेंगे महा आंदोलन, ज्ञापन सौप रखी मांगे, मांग पूरी नहीं होने पर 19 मई को देंगे सामूहिक इस्तीफा



देवास। मध्य प्रदेश सहकारी संस्थाएं कर्मचारी महासंघ ने गुरुवार को विभिन्न मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा हैं। इनके महा आंदोलन में चले जाने से गरीब परिवारों को मिलनी वाली खाद्य वितरण पूर्ण रूप से बंद हो जाएगा। इसके साथ ही मांग पूरी नहीं होने पर 19 मई को जिले के समस्त विक्रेता भोपाल पहुंच कर महासंघ के साथ मुख्यमंत्री को सामूहिक इस्तीफा सौपेंगे। जिलाध्यक्ष जवाल सिंह ठाकुर ने बताया कि प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति के कर्मचारी शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं का क्रियान्वयन कर शासन को लाभ पहुंचाते हैं। खाद्यान्न वितरण गेहूं, चना मसूर आदि का उपार्जन ऋण वितरण व वसूली आदि कार्य आम नागरिक और किसानों के हित में शासन के निर्देशों का पालन करते हैं। उसके बावजूद हमारी मांगो को नजरअंदाज किया जा रहा है। हमारी मांग है कि वर्ष 2019 में जारी सेवा नियम अनुसार वेतन मिले। मार्च 2021 में महासंघ के साथ किए गए शासन से समझौते अनुसार प्रदेश के पैक्स सहकारी संस्थाओं के कर्मचारियों को ग्रामीण स्तर पर कार्यरत शासकीय कर्मचारियों के समतुल्य वेतनमान दिए जाए। प्राइवेट उपभोक्ता भंडार स्व सहायता समूह, वन समिति, आदि को खाद्यान वितरण पर 200 रुपए प्रति क्विंटल कमीशन व 2 किलो प्रति क्विंटल की मान से सभी राशन दुकानदारों को सार्टज के आदेश जारी कर तत्काल लागू किया जाए। जिलाध्यक्ष ने कहा कि इन सभी मांगों को 5 मई तक निराकरण किया जाए। 6 मई को प्रदेश के समस्त सहकारी संस्थाओं, उपभोक्ता भंडारों व स्व. सहायता समूह आदि के साथ-साथ देवास जिले कि समस्त राशन दुकानें (सहकारी समितियों प्राइवेट भंडार व समूह आदि की ओर से संचालित) बंद कर समस्त राशन विक्रेता कलमबंद आंदोलन पर चले जाएंगे। ज्ञापन के दौरान संतोष शुक्ला, बहादुर सिंह भाटी, उपभोक्ता भंडार के प्रदेश पदाधिकारी संजय खंडेलवाल, इंदर सिंह गौड़,  लोकेंद्र सिंह , देवेंद्र सिंह सहित संगठन के पदाधिकारी उपस्थित थे।





Comments

Popular posts from this blog

मध्यप्रदेश की विधानसभा के विधानसभावार परिणाम .... सीधे आपके मोबाइल पर | election results MP #MPelection2023

हाईवे पर होता रहा मौत का ख़तरनाक तांडव, दरिंदों ने कार से बांधकर युवक को घसीटा

क्या देवास में पवार परिवार के आसपास विघ्नसंतोषी, विघटनकारी असामाजिक, अवसरवादियों सहित अवैध व गैर कानूनी कारोबारियों का जमघट कोई गहरी साजिश है ? या ..... ?