करुणा, सहनशीलता जैसे दिव्या गुण जीव को हीरे के समान मूल्यवान बना देते हैं- ब्रह्माकुमारी प्रेमलता दीदी........




भारत सागर न्यूज/देवास। इंसान की असली छवि उसके विचार व व्यवहार में झलकती है। जैसी सोच होगी वैसे ही हमारे गुण और कर्म बनते हैं। अगर हम सद्भावना, सहयोग और सकारात्मकता को चुनें। तो करुणा स्नेह और सहनशीलता जैसे दिव्य गुण सहज ही विकसित हो जाते हैं। 



यह विचार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की मुख्य जिला संचालिका ब्रह्माकुमारी प्रेमलता दीदी मिश्रीलाल एक्सटेंशन में परमात्मा शिव के ध्वजारोहण एवं पूजा अर्चना के दौरान व्यक्त किए। प्रेमलता दीदी ने आगे कहा 



कि यह दिव्य गुण कोई बाहर से नहीं आते है। हर आत्मा में पहले से ही मौजूद रहते हैं। यही गुण हमें ईश्वर के समान श्रेष्ठ व सुंदर बनाते हैं। पर जरूरत होती है उन्हें पहचान कर पोषित करने की और आभास में लाने की। जब घर व समाज में यह गुण, जीव विकसित होते हैं। तब मानवता का असली रूप प्रकट होता है। तब हर जीव हीरे के समान मूल्यवान बन जाता है। 



करुणा, स्नेहा और सहनशीलता जैसे दिव्य गुण हर जीव को हीरे के समान मूल्यवान बना देते हैं। जिस मानव में करुणा स्नेह और सहनशीलता नहीं है। वह मानव पशु के समान होता है। एक सहनशील मानव के जीवन में हमेशा सुख शांति बनी रहती है। इसलिए जीवन में चाहे कैसी भी परिस्थिति हो हमें क्रोध नहीं करना चाहिए। हमें सहनशील बने रहना है।



इस दौरान प्रेमलता दीदी, ज्योति दीदी, अपुलश्री दीदी का भाई बहनों द्वारा शॉल, श्रीफल, पुष्पमालाओं से सम्मान किया गया। साथ ही दीदी ने भी भाई बहनों का सम्मान किया। इस अवसर पर लक्ष्मण भाई, सौरब माता, बंसीलाल राठौर भाई, विवेक भाई, बद्री भाई, राकेश भाई, सफला बहन हेमा वर्मा बहन पूर्णिमा निगम, बहन व अन्य भाई बहन उपस्थित थे।



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