"पवित्र स्थल पर गड़बड़ी का आरोप, हरसिद्धी मंदिर में पुजारियों की तानाशाही पर महिलाओं ने उठाई आवाज़"
भारत सागर न्यूज/उज्जैन(संजय शर्मा)। उज्जैन के हरसिद्धी मंदिर में पुजारियों की तानाशाही और आर्थिक घपले के आरोपों ने एक नया मोड़ ले लिया है। अखिल भारतीय दहेज उन्मूलन सह समाजोत्थान सवर्ण महासभा की उज्जैन जिला अध्यक्ष चंद्रकांता नागर ने आरोप लगाया है,
कि मंदिर के पुजारी राजू गोस्वामी और राजेंद्र गिरी उर्फ गुड्डू गिरी अपनी तानाशाही और आर्थिक घपले के कारण चर्चा में हैं। चंद्रकांता नागर ने बताया कि वह और उनकी महिला साथी रमीलाबेन पटेल, राधा पाटीदार, डॉ. साक्षी शर्मा, ममता शाह व बसंती चंदेल विगत 30 वर्षों से मानसेवी सदस्य के रूप में हरसिद्धी मंदिर में संध्या आरती,
के समय नियमित अपनी सेवाएं देती आ रहीं हैं। लेकिन जब उन्होंने पुजारियों की तानाशाही और आर्थिक घपले के खिलाफ आवाज उठाई, तो उन्हें मंदिर की नियमित आरती से बाहर कर दिया गया। आरोप है कि पुजारियों ने मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं से दान की राशि थाली में जमा करने के लिए बाध्य किया जाता है, जबकि सरकार और प्रशासन की ओर से दान पेटी लगी हुई है।
इसके अलावा पुजारियों पर आरोप है कि वे मंदिर से अवैध संपत्ति अर्जित कर रहे हैं और लाखों रुपयों का आर्थिक नुकसान मंदिर समिति और मप्र सरकार को पहुंचा रहे हैं। चंद्रकांता नागर ने जिला कलेक्टर रोशन कुमार सिंह और हरसिद्धी मंदिर की प्रबंधक सुश्री रुपाली से गुहार लगाई है कि पुजारियों के खिलाफ जांच की जाए और जो लाखों रुपयों का आर्थिक नुकसान मंदिर समिति और मप्र सरकार को हो रहा है, उस पर रोक लगाई जाए।
महिलाओं ने यह भी आरोप लगाया है कि पुजारियों ने उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए हैं और उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई है। इस मामले में महाकाल थाने में लिखित शिकायत भी की गई है। अब देखना यह है कि जिला प्रशासन और मंदिर प्रबंधन पुजारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई करते हैं और महिलाओं की मांगों को कितना महत्व देते हैं।
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