महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की सुरक्षा के लिए नई व्यवस्था: भांग की मात्रा सीमित
भारत सागर न्यूज/उज्जैन/संजय शर्मा। विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के क्षरण को रोकने के लिए मंदिर समिति ने एक नई व्यवस्था लागू की है। अब पुजारी भगवान महाकाल के शृंगार में केवल तीन किलो भांग का ही उपयोग कर सकेंगे, जबकि पहले यह मात्रा पांच से सात किलो होती थी।
इसके लिए मंदिर में एक तौल कांटा भी स्थापित किया जाएगा, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि भांग की मात्रा निर्धारित सीमा से अधिक न हो। महाकालेश्वर मंदिर के प्रशासक, प्रथम कौशिक, ने बताया कि इस नई व्यवस्था का उद्देश्य भगवान के शृंगार में भांग की मात्रा को नियंत्रित करना है।
इससे पहले, वर्ष 2017 में इस मुद्दे पर सारिका गुरु द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसके बाद विशेषज्ञों की एक समिति गठित की गई थी। इस समिति ने ज्योतिर्लिंग के क्षरण को रोकने के लिए कई सुझाव दिए, जिनमें से एक महत्वपूर्ण सुझाव भांग की मात्रा को सीमित करने का था।
महाकाल मंदिर में प्रतिदिन होने वाली पांच आरतियों में भांग का विशेष उपयोग किया जाता है। खासकर, तड़के चार बजे होने वाली भस्म आरती और शाम को सात बजे होने वाली संध्या आरती में भक्तों की ओर से अर्पित भांग से भगवान महाकाल का शृंगार किया जाता है।
नई व्यवस्था के तहत, भांग का वजन पहले से किया जाएगा, ताकि शृंगार के समय निर्धारित मात्रा का पालन सुनिश्चित हो सके। इससे न केवल ज्योतिर्लिंग की सुरक्षा में मदद मिलेगी, बल्कि भक्तों की आस्था भी बनी रहेगी।
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