महाकाल मंदिर विवाद – भक्त बोले, वीआईपी और आम श्रद्धालु दोनों को मिले समान अधिकार...!
भारत सागर न्यूज/उज्जैन। उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में गर्भगृह में प्रवेश को लेकर आम श्रद्धालुओं में मतभेद देखा जा रहा है। श्रद्धालुओं का कहना है कि गर्भगृह में वीआईपी और आम लोगों के बीच भेदभाव नहीं होना चाहिए। अगर वीआईपी को प्रवेश मिलता है, तो आम भक्तों को भी प्रवेश मिलना चाहिए।
इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की गई है। याचिकाकर्ता ने सवाल उठाया है कि महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में केवल नेताओं और रसूखदारों को ही प्रवेश क्यों मिलता है, जबकि आम भक्त बाहर ही दर्शन करने के लिए मजबूर हैं। याचिकाकर्ता ने मांग की है कि गर्भगृह में सभी श्रद्धालुओं को प्रवेश की अनुमति दी जाए।
इंदौर हाईकोर्ट में याचिका पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा गया है। याचिकाकर्ता के वकील चर्चित शास्त्री ने बताया कि याचिका में मांग की गई है कि गर्भगृह में सभी को समान प्रवेश मिले, चाहे इसके लिए शुल्क निर्धारित किया जाए।
भक्तों का कहना है कि या तो वीआईपी और आम श्रद्धालुओं को समान प्रवेश दिया जाए या सभी पर पूरी तरह रोक लगाई जाए। साथ ही, जिन वीआईपी श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जाता है, उनकी सूची सार्वजनिक की जानी चाहिए।
गौरतलब है कि 4 जुलाई 2023 को श्रावण माह में भारी श्रद्धालु संख्या को देखते हुए श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति ने 11 सितंबर तक गर्भगृह में प्रवेश पर रोक लगा दी थी। समिति ने तब कहा था कि श्रावण माह के बाद आम भक्तों के लिए गर्भगृह खोल दिया जाएगा, लेकिन अब तक यह कदम नहीं उठाया गया है।
दीपक नामदेव, श्रद्धालु कहते हैं, “गर्भगृह में सभी को समान प्रवेश मिलना चाहिए, भेदभाव नहीं होना चाहिए।”
रवि राठौर, श्रद्धालु कहते हैं, “यदि वीआईपी को प्रवेश मिल सकता है, तो आम भक्तों को भी यही सुविधा मिलनी चाहिए।”
धर्मेंद्र, श्रद्धालु कहते हैं, “प्रबंधन को स्पष्ट नियम बनाने चाहिए, ताकि कोई असंतोष न रहे।”
Comments
Post a Comment