नागदा-खाचरौद क्षेत्र में मुआवजे से वंचित सभी किसानों को मुआवजा राशि दी जाए: पूर्व विधायक गुर्जर
- क्षेत्र में खराब हुई सोयाबीन फसल 90 प्रतिशत, राजस्व विभाग ने आंकलन रिपोर्ट दी 35 प्रतिशत से भी कम
भारत सागर न्यूज/नागदा । विगत दिनों मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा सोयाबीन की मुआवजा राशि डाली गई जो नागदा-खाचरौद तहसील के आधे से अधिक किसानों को नही मिल पाई है मुआवजे से वंचित किसानों को मुआवजा राशि वितरण की जाए यह मांग मुख्यमंत्री को प्रेषित पत्र में पूर्व विधायक दिलीपसिंह गुर्जर ने की है।
पूर्व विधायक गुर्जर ने कहा कि नागदा-खाचरौद क्षेत्र के हजारों किसानों की सोयाबीन फसल अतिवृष्टि व गंभीर बीमारी पीला मोजेक के कारण 80 से 90 प्रतिशत नष्ट हो गई है कई किसानों के खेत में 12 किलो से 50 किलो तक ही पैदावार हुई है। 90 प्रतिशत सोयाबीन फसल खराब होने के बाद राजस्व विभाग की सर्वे टीम ने प्रथम बार तो खराब फसल बताई ही नहीं थी जब किसानों व कांग्रेस पार्टी द्वारा आंदोलन किया गया तो आनन-फानन मे गांव-गांव पटवारी टीम भेजी और थोड़ा-बहुत नुकसान बताया उसी अनुरूप 400, 500 व 800 रुपए बीघा के मान से मुआवजा सरकार द्वारा दिया गया है इसमें भी कई गांवों के किसान तो मुआवजा राशि से वंचित रह गए है जब संपूर्ण क्षेत्र में सोयाबीन फसल का समान नुकसान हुआ तो मुआवजा राशि वितरण में भिन्नता क्यों हो रही है?
पूर्व विधायक गुर्जर ने पत्र में इस और भी ध्यान दिलाया कि कांग्रेस की पूर्व कमलनाथ सरकार ने खराब हुई सोयाबीन फसल का बिना सर्वे कराए 35 हजार प्रति हेक्टेयर के मान से मुआवजा व बीमा राशि प्रत्येक छोटे-बड़े सभी किसानों को दी गई थी क्षेत्र का एक भी किसान मुआवजे से वंचित नहीं रहा था और आज स्थिति बहुत खराब है। एक ही गांव में अलग-अलग मुआवजा राशि दी गई है जबकि फसल समान रूप से खराब हुई है कई किसानों को तो मुआवजा राशि नाम मात्र की भी नहीं मिली है और सरकार ढिंढोरा ऐसा पीट रही है मानो अन्नदाताओं को लाखों रूपये की मुआवजा राशि दे दी गई है।
पूर्व विधायक गुर्जर ने बताया कि गत चार वर्षों में किसानों से बीमा कंपनियों ने 23 हजार करोड रुपए की राशि वसूली लेकिन बीमा देने का वक्त आया तो कंपनियों ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि पीला मोजेक नामक बीमारी बीमा क्लेम में नहीं आती है फिर फसल बीमा करने का क्या ओचित्य है सरकार व बीमा कंपनियों की साठगांठ से क्षेत्र का किसान बीमा क्लेम से वंचित है यदि डबल इंजन सरकार ने किसान हित में शीघ्र कदम नहीं उठाया तो किसानों के साथ कांग्रेस पार्टी आंदोलन करेगी और किसानों को उनका हक और अधिकार दिलाकर रहेगी।
पूर्व विधायक गुर्जर ने भावान्तर योजना को भी बेतुका निर्णय बताते हुए मक्का, गेहूं, धान आदि की जो खरीदी समर्थन मूल्य पर की जा रही है सोयाबीन को भी इसी में सम्मिलित करना चाहिए था भावान्तर योजना किसानों के हित की न होकर सरकार की साठगांठ से इसका व्यापारियों को लाभ होगा प्याज की भावान्तर की 1200 करोड़ की राशि के लिए आज भी किसान इंतजार कर रहा है।


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