अंधभक्ति नहीं, धर्म शास्त्रों से सत्य की खोज – संत रामपाल जी महाराज
भारत सागर न्यूज/संजू सिसोदिया/म.प्र.। देवास जिले की तहसील टोंकखुर्द के ग्राम - कुलाला में रविवार को एलइडी टीवी के माध्यम से तहसील स्तरीय सत्संग कार्यक्रम संपन्न हुआ। तथा संत रामपाल जी महाराज अपने प्रवचनों में आस्था और अंधविश्वास के बीच स्पष्ट अंतर समझाने के लिए जाने जाते हैं। उनका कहना है कि सच्ची भक्ति वही है जो प्रमाण और शास्त्रों के आधार पर हो, न कि अंधानुकरण पर। वे बताते हैं कि आज समाज में लोग परंपराओं को बिना समझे अपनाते हैं, जिससे समय, धन और आस्था तीनों का नुकसान होता है।
संत रामपाल जी महाराज लोगों को प्रेरित करते हैं कि धर्म के नाम पर किसी भी आचरण को स्वीकार करने से पहले शास्त्रीय प्रमाण अवश्य देखें। उनका मत है कि भगवान एक है और उनकी भक्ति का सही तरीका पवित्र ग्रंथों में स्पष्ट रूप से लिखा हुआ है। वे यह भी कहते हैं कि सद्भाव, समानता और सेवा ही मानवता का असली धर्म है।
अपने प्रवचनों और समाजसेवा के माध्यम से वे लाखों लोगों को नशा-मुक्ति, दहेज-विरोध तथा सरल विवाह जैसे सुधारों की ओर आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। उनका संदेश है जब तक मानव सत्य को नहीं समझेगा, तब तक अंधविश्वास जीवन को जकड़े रखेगा। इसलिए व्यक्ति को चाहिए कि वह सही जानकारी प्राप्त कर विवेकपूर्ण निर्णय ले, तभी वास्तविक आध्यात्मिक उन्नति संभव है।



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