नारी शक्ति के सप्तगुणों पर सार्थक चर्चा, 170 मसालों ने की तारीफ
- विद्याभारती का प्रथम सप्तशक्ति संगम कार्यक्रम भंडारी
भारत सागर न्यूज/देवास। सरस्वती विद्या मंदिर, मुखर्जी नगर में विद्याभारती की योजना के अनुसार इंदौर विभाग के देवास जिले का प्रथम सप्तशक्ति संगम उत्साह कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में लगभग 170 बजे कार्यक्रम में डॉ. पिंकी हार्डिया (सह सचिव एवं शिशु सदन वाटिका प्रभारी, मालवा), अनिता रघुवंशी (अध्यक्ष, सेवा भारती, इंदौर विभाग), सरोज सिंह हाड़ा (प्रोफेसर, बीसीजी कॉलेज, देवास) शामिल हैं। कार्यक्रम की संहितिका कविता जोशी मंचासीन रस।
साथ ही मुखर्जी नगर, विजय नगर, विकास नगर, बालगढ़ एवं जवाहर चौक के कार्यशालागण भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना के साथ किया गया। साइंटिका कविता जोशी ने कार्यक्रम का अंतिम एवं विषय परिचय प्रस्तुत किया। मुख्य विज्ञप्ति में डॉ. पिंकी हार्डिया ने गीता में नारी के सप्तगुण कीर्ति, श्री, वाक्, स्मृति, मेधा, धृति एवं क्षमा का वर्णन करते हुए कहा कि नारी समाज की पहचान है और इन गुणों के जीवन में समावेश से समाज और राष्ट्र में शक्तिशाली परिवर्तन संभव है।
अनीता रघुवंशी ने भारत के विकास में महिलाओं की भूमिका में प्रकाश में बताई गई देवी अहिल्याबाई, रानी लक्ष्मीबाई और सोनियाबाई फुले जैसी महान नारियों की प्रेरणा कार्यदिवस का उल्लेख किया। कार्यक्रम में रोचक प्रश्नोत्तरी का आयोजन श्रीमती नीतीत दास द्वारा किया गया, जिसमें सही उत्तर प्रतियोगिता वाली को सम्मानित किया गया। इसके साथ ही मातृशक्ति देवी अहिल्याबाई, रानी लक्ष्मीबाई और सोनियाबाई फुले के पर आधारित प्रतिरूप दर्शन का एकल प्रदर्शन प्रस्तुत किया गया, जिसमें उपस्थित महिलाओं ने स्थान प्राप्त किया। राष्ट्रपति उद्बोधन प्रो. सरोज सिंह हाड़ा ने दिया। कार्यक्रम में कई सारी चीजों ने अपना अनुभव साझा किया। तटीयबंधक प्रदर्शन श्रीमती मेघा दास ने। अंत में भारतीय संस्कृति के प्रति गौरव और सप्तगुण विकास का संकल्प श्रीमती कविता जोशी द्वारा किया गया।



Comments
Post a Comment