भगवान के चरणों में जिसने भी मन लगाया, उसके जीवन में कभी दुख नहीं आता -पं. नारायण प्रसाद जंज़
- लूट लिया मेरा भोला सा मन, राधा रमण प्रेमिका राधा रमण...
भारत सागर न्यूज/देवास। एरिना रोड टेकरी के पीछे स्थित कुमावत धर्मशाला में 2 नवंबर तक श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। कथा के तीसरे दिन मां चामुंडा सेवा समिति की ओर से कथा वाचक भागवत भजन पं. नारायण प्रसाद साँचे की समिति के निदेशक रामाधार जलोदिया, नरेन्द्र मिश्रा, दिनेशवलिया, नारायण व्यास, उम्मेदसिंह नारायण, अभियात साकेत, निदेशक मंडल के मिश्रीलाल कुमावत, लीलाबाई कुमावत, एलएन मारू शाल, श्रीफल, पुष्पमालाओं से आत्मीय स्वागत किया गया।
कथावाचक पं. ओझा ने विचार व्यक्त करते हुए कहा, कि कितों ने अपने मन को भगवान के चरण में लगा दिया, उनके जीवन में कभी दुख नहीं आता। सुख ही सुख की पत्ती रहती है। जब हम विपत्ति में भी हार नहीं मानते तब भगवान हम पर कृपा करते हैं। स्याही किंक विपत्ति, तूफान-तूफान आ जाए हार मत फेल। भगवान ने भी अनेक संकटों का सामना किया, परन्तु कभी हार नहीं मानी। आगे कहा गया कि मालिक वापस आ गया था लेकिन बंधक ने हमें मजदूर और मजबूर बना दिया।
जैसा कि कोई चोर जगत में नहीं है, जो हमारे चित्त को भगवान चुरा लेते हैं। दुनिया के चोर तो धन चुराते हैं, पर भगवान हमारा चित्त चुरा लेते हैं। गोपियों को भगवान श्री कृष्ण के स्थान पर कुछ दिखाई नहीं दिया, इसलिए भगवान श्री कृष्ण को चित्त चोर भी कहा गया है। इस दौरान प. ज़ूम ने भक्ति गीत लूट लिया मेरा भोला सा मन, राधा रमण प्यारी राधा रमा... के भावपूर्ण कलाकार दिए तो प्यारे झूम उठे। बड़ी संख्या में ली गई शिष्या ने कथा श्रवण कर धर्म लाभ।



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