भोपाल के डॉक्टर पर मनी लांड्रिंग और धमकी के गंभीर आरोप, देवास में दर्ज कराई गई शिकायत
भारत सागर न्यूज/देवास। जिले के ग्राम नेवरी निवासी लोकेश प्रजापति ने भोपाल के अटल मेमोरियल कैंसर केयर हॉस्पिटल के संचालक डॉ. सुयश दुबे और उनके सहयोगियों पर मनी लांड्रिंग, फर्जी जीएसटी रजिस्ट्रेशन और जान से मारने की धमकी देने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। इस संबंध में लोकेश प्रजापति ने सिविल लाइन थाना देवास में लिखित शिकायत दी है।
लोकेश प्रजापति के अनुसार, वे 6 मार्च 2024 से डॉ. सुयश दुबे के अस्पताल में मैनेजर के पद पर कार्यरत थे। डॉ. दुबे ने उन्हें बताया कि उनकी सैलरी क्रीमेडिन हेल्थ प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी के माध्यम से कारो डीलर नाम के बैंक खाते में आएगी। इस पर भरोसा करते हुए लोकेश ने अपना बैंक अकाउंट खुलवाया और उसका डेबिट कार्ड डॉ. दुबे को सौंप दिया।
लोकेश का आरोप है कि जब वे मई 2025 में बैंक गए, तो उन्हें पता चला कि उनके अकाउंट से करोड़ों रुपए का लेन-देन हो चुका है, जिसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं थी। इतना ही नहीं, उनके पैन नंबर पर जीएसटी रजिस्ट्रेशन भी कराया गया था, जिसकी जानकारी उन्हें नहीं थी। जब उन्होंने डॉ. दुबे से इस बारे में सवाल किया, तो उन्हें कहा गया कि तुम्हें इससे क्या मतलब, अपनी सैलरी लो या नौकरी छोड़ दो।
इसके बाद लोकेश ने इस्तीफा दे दिया। लोकेश का कहना है कि इस्तीफा देने के बाद से ही उन्हें डॉ. दुबे और उनके सहयोगियों द्वारा धमकाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि डॉ. दुबे के साथ अजय प्रजापति (निवासी इटावा, देवास) और कुलदीप सिंह राजपूत (भोपाल, शापुरा) भी इस फर्जीवाड़े में शामिल हैं। दोनों के नाम पर भी फर्जी फर्में चलाई जा रही हैं, जिनके जरिए करोड़ों रुपए की मनी लांड्रिंग की जा रही है। लोकेश ने बताया कि उन्होंने पुलिस को सबूत सौंपने के लिए अपने रिश्तेदार अजय प्रजापति को जानकारी दी थी, लेकिन अजय ने लालच में आकर डॉ. दुबे को सारी बातें बता दीं।
आरोप है कि यह पूरा रैकेट कर्मचारियों के नाम पर फर्जी कंपनियां खोलकर काले धन को सफेद करने का काम करता है, जिसमें बैंक के कुछ लोग भी शामिल हो सकते हैं। शिकायतकर्ता ने इसकी शिकायत पूर्व में भोपाल सीएमएचओ, देवास पुलिस अधीक्षक सहित अन्य संबंधित अधिकारियों से भी की है। लोकेश प्रजापति ने सिविल लाइन थाना प्रभारी से मांग की है कि इस पूरे मामले की गहन जांच कर अजय प्रजापति सहित सभी आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की जाए ताकि मनी लांड्रिंग की इस गतिविधि को रोका जा सके।






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